TDS नहीं कराया जमा, अदालत ने कंपनी के डायरेक्टर को भेजा जेल
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उस कारोबारी ने लोगों को किए गए भुगतान में से टीडीएस तो काट लिया लेकिन उसे सरकार के खाते में जमा नहीं कराया।
style="text-align: justify;">नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने राजधानी की एक रियल एस्टेट व आइटी सोल्युशन कंपनी के निदेशक को टीडीएस सरकार के खाते में जमा न करने के मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है। इस कारोबारी पर आरोप है कि उसने तीन साल में एक करोड़ रुपये से अधिक टीडीएस (टैक्स डिडेक्टेड एट सोर्स) सरकार के खाते में जमा नहीं कराया।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उस कारोबारी ने लोगों को किए गए भुगतान में से टीडीएस तो काट लिया लेकिन उसे सरकार के खाते में जमा नहीं कराया। उसने वित्त वर्ष 2013-14 में 45.68 लाख रुपये, वित्त वर्ष 2014-15 में 35.45 लाख रुपये और वित्त वर्ष 2015-16 में 33.36 लाख रुपये टीडीएस सरकार के खाते में जमा नहीं किया। साथ ही वह इस अवधि में टीडीएस रिटर्न भी दाखिल करने में नाकाम रहा।
गौरतलब है कि आयकर कानून के तहत जो व्यक्ति टीडीएस काटता है, उसे वह राशि समय पर सरकार के खाते में जमा करानी होती है लेकिन इस कारोबारी ने ऐसा नहीं किया। वित्त मंत्रालय ने हालांकि इस कारोबारी के नाम का खुलासा नहीं किया है।
मंत्रालय का कहना है कि इस कारोबारी के खिलाफ दिसंबर में गैर जमानती वारंट जारी हुए थे, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। तीस हजारी अदालत ने 19 जनवरी को इस कारोबारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दिल्ली के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स एस एस राठौर ने कहा कि टीडीएस सरकारी धन है और समय पर सरकार के खाते में जमा कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग टीडीएस के समय पर भुगतान को लेकर गंभीर है। जो कारोबारी समय पर टीडीएस का भुगतान नहीं करता है, उसे तीन माह से सात साल तक का कारावास हो सकता है।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि उस कारोबारी ने लोगों को किए गए भुगतान में से टीडीएस तो काट लिया लेकिन उसे सरकार के खाते में जमा नहीं कराया। उसने वित्त वर्ष 2013-14 में 45.68 लाख रुपये, वित्त वर्ष 2014-15 में 35.45 लाख रुपये और वित्त वर्ष 2015-16 में 33.36 लाख रुपये टीडीएस सरकार के खाते में जमा नहीं किया। साथ ही वह इस अवधि में टीडीएस रिटर्न भी दाखिल करने में नाकाम रहा।
गौरतलब है कि आयकर कानून के तहत जो व्यक्ति टीडीएस काटता है, उसे वह राशि समय पर सरकार के खाते में जमा करानी होती है लेकिन इस कारोबारी ने ऐसा नहीं किया। वित्त मंत्रालय ने हालांकि इस कारोबारी के नाम का खुलासा नहीं किया है।
मंत्रालय का कहना है कि इस कारोबारी के खिलाफ दिसंबर में गैर जमानती वारंट जारी हुए थे, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। इसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। तीस हजारी अदालत ने 19 जनवरी को इस कारोबारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
दिल्ली के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स एस एस राठौर ने कहा कि टीडीएस सरकारी धन है और समय पर सरकार के खाते में जमा कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग टीडीएस के समय पर भुगतान को लेकर गंभीर है। जो कारोबारी समय पर टीडीएस का भुगतान नहीं करता है, उसे तीन माह से सात साल तक का कारावास हो सकता है।