Cyclone Nisarga: चक्रवाती तूफान अंफन के बाद दस्तक दे रहा 'निसर्ग', केरल में बारिश की प्रबल संभावना

कोविड-19 के साथ भूकंप और चक्रवाती तूफानों का देश में प्रवेश जारी है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 10:32 AM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 10:32 AM (IST)
Cyclone Nisarga: चक्रवाती तूफान अंफन के बाद दस्तक दे रहा 'निसर्ग', केरल में बारिश की प्रबल संभावना
Cyclone Nisarga: चक्रवाती तूफान अंफन के बाद दस्तक दे रहा 'निसर्ग', केरल में बारिश की प्रबल संभावना

तिरुअनंतपुरम, एएनआइ। लक्षद्वीप के पास अरब सागर में चक्रवाती तूफान निसर्ग (Nisarga) बन रहा है। सोमवार और मंगलवार को इसके कारण बारिश की प्रबल संभावना है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन (KSDMA) ने तूफान के मद्देनजर मछली पकड़ने से जुड़ी तमाम गतिविधियों को सस्पेंड कर दिया है । KSDMA के अनुसार, लक्ष्यद्वीप समेत केरल के तटीय इलाकों में 45-66 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। KSDMA ने यहां के 9 जिलों में येलो एलर्ट का ऐलान कर दिया है। समुद्री तूफान के अगले सप्ताह महाराष्ट्र और गुजरात की तटीय सीमा से टकराने की संभावना है।

मौसम विभाग ने ट्वीट में यह जानकारी दी है कि दक्षिण पूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान निसर्ग के पूर्वी मध्य और आसपास के दक्षिण पूर्वी अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है। इसके उत्तर की तरफ आगे बढ़ने और तीन जून तक उत्तरी महाराष्ट्र तथा गुजरात तटों के पास पहुंचने की काफी संभावना है।

मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान निसर्ग के कारण मछुआरों को एहतियातन समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि जो मछुआरे अभी अरब सागर गए हैं, वे वापस तट पर लौट जाएं। इस चक्रवाती तूफान की लाइव ट्रैकिंग संभव है और मौसम विभाग के जरिए यह किया जा सकता है।

मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा, 'दक्षिण पूर्वी और आसपास के पूर्वी मध्य अरब सागर तथा लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 24 घंटे में पूर्वी मध्य और आसपास के दक्षिण पूर्वी अरब सागर के ऊपर दबाव के रूप में मजबूत होने की संभावना है तथा फिर यह अगले 24 घंटों में और अधिक मजबूत होकर चक्रवाती तूफान के रूप में तबदील हो सकता है। इसके उत्तर की तरफ आगे बढ़ने और तीन जून तक उत्तरी महाराष्ट्र तथा गुजरात तटों के पास पहुंचने की काफी संभावना है।'

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