शौर्य दिवस पर बोले CRPF के महानिदेशक, 'अदृश्य-आक्रामक COVID-19 से लड़ने को तैयार सेना'

महानिदेशक (डीजी) ए पी माहेश्वरी ने अपने सैनिकों को कहा कि उन्हें इन कठिन समय के दौरान देश की सेवा करने के लिए मजबूत और फिट रहना चाहिए।

By Neel RajputEdited By: Publish:Thu, 09 Apr 2020 03:41 PM (IST) Updated:Thu, 09 Apr 2020 03:41 PM (IST)
शौर्य दिवस पर बोले CRPF के महानिदेशक, 'अदृश्य-आक्रामक COVID-19 से लड़ने को तैयार सेना'
शौर्य दिवस पर बोले CRPF के महानिदेशक, 'अदृश्य-आक्रामक COVID-19 से लड़ने को तैयार सेना'

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश में कोरोनो वायरस महामारी के रूप में "अदृश्य और आक्रामक दुश्मन से लड़ने" के लिए सीआरपीएफ पूरी तरह से तैयारी है। सीआरपीएफ के 'वीरता दिवस' के अवसर पर सेना के महानिदेशक (डीजी) ए पी माहेश्वरी ने अपने सैनिकों को कहा कि उन्हें इन कठिन समय के दौरान देश की सेवा करने के लिए मजबूत और फिट रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, "आज, पूरे देश को COVID-19 के कारण कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। मुझे खुशी है कि अपने आप को कठिन होने के नाते, आप सभी ने लोगों को अदृश्य और आक्रामक दुश्मन से लड़ने में मदद करने के लिए कमर कस ली है।"

डीजी ने कहा कि वायरल के प्रकोप के मद्देनजर वीरता दिवस से संबंधित सभी कार्यक्रम स्थगित किए जा रहे हैं। हालांकि हम अपने विचारों और लोकाचार में इस दिन की गरिमा को बनाए रखते हैं।"

वीरता दिवस के बारे में बात करते हुए माहेश्वरी ने कहा कि गुजरात के सरदार पोस्ट में 9 अप्रैल,1965 को पाकिस्तानी सेना की पूरी ब्रिगेड के लिए सीआरपीएफ के नायकों की केवल दो कंपनियां ही काफी कठिन साबित हुई थीं।

उन्होंने कहा कि "हम हैं और हमेशा मातृभूमि के लिए उनकी वीरता और बलिदान पर गर्व करेंगे।" वीरता दिवस के मौके पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि कार्रवाई में मारे गए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने इस दिन अपनी असाधारण बहादुरी, देशभक्ति और बलिदान के साथ "स्वर्णिम इतिहास" लिखा। उन्होंने ट्विटर पर संदेश में शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि भी दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बल की बहादुरी की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा, "Crpfindia का साहस व्यापक रूप से जाना जाता है। सीआरपीएफ वीरता दिवस पर आज, मैं इस बहादुर बल को सलाम करता हूं और 1965 में गुजरात के सरदार पटेल पोस्ट में हमारे सीआरपीएफ कर्मियों की बहादुरी को याद करता हूं। वीर शहीदों के बलिदानों को कभी नहीं भुलाया जाएगा।"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बल की एक छोटी टुकड़ी ने हमलावर दुश्मन सेना को हराकर इतिहास रचा जो उनसे कई गुना बड़ा था। शाह ने ट्विटर पर कहा, "सभी को बधाई और सीआरपीएफ के हमारे वीर शहीदों को सलाम। 'शौर्य दिवस' अदम्य साहस, वीरता और बलिदान का प्रतीक है।"

8-9 अप्रैल (1965) की रात को पाकिस्तान की 51 वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के 3,500 लोगों और 18 पंजाब बटालियन, 8 फ्रंटियर राइफल्स और 6 बलूच बटालियन के जवानों ने एक ऑपरेशन 'डेजर्ट हॉक' के तहत सरदार और टाक पोस्ट पर चुपके से एक साथ हमला किया था।

लड़ाई 12 घंटे तक चली, जिसके दौरान दुश्मन ने इस पद को खत्म करने के लिए तीन प्रयास किए, लेकिन अर्धसैनिकों द्वारा की गई साहस कार्रवाई ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया।

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