कोविड-19 महामारी ने बदला खर्च का पैटर्न, प्राथमिकताओं में आया परिवर्तन

कोविड-19 ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में लोग गुजारा करने के लिए सोना गिरवी रखकर लोन ले रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 06:30 PM (IST)
कोविड-19 महामारी ने बदला खर्च का पैटर्न, प्राथमिकताओं में आया परिवर्तन
कोविड-19 महामारी ने बदला खर्च का पैटर्न, प्राथमिकताओं में आया परिवर्तन

नई दिल्ली, एजेंसी। कोविड-19 महामारी फैलने से रोकने के लिए कई महीनों तक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन रहा। इसके चलते लोग घरों में ही बंद रहे और उनकी कई आदतें बदल गई। खर्च का पैटर्न बदला और प्राथमिकताओं में भी काफी परिवर्तन आया। कोरोना काल में खर्च करने के तरीकों से पता चलता है कि लोग स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं।

दुनियाभर में लोग स्वास्थ्य की देखभाल और इम्युनिटी बढ़ाने को लेकर सतर्क हो गए

बोरियत दूर करने के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं और साफ-सफाई का भरपूर ध्यान रखा जा रहा है। भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में लोग स्वास्थ्य की देखभाल और इम्युनिटी (बीमारियों से लड़ने की क्षमता) बढ़ाने को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए हैं।

भारत में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग आयुर्वेदिक उत्पादों का सहारा ले रहे हैं

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए लोग आयुर्वेदिक उत्पादों का सहारा ले रहे हैं। डाबर इंडिया लिमिटेड और द हिमालया ड्रग कंपनी का कहना है कि उनके च्यवनप्राश जैसे उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ी है। नीलसन होल्डिंग्स के मुताबिक जून में च्यवनप्राश की बिक्री 283 प्रतिशत और ब्रांडेड शहद की बिक्री 39 प्रतिशत बढ़ी। अगले कुछ महीनों तक मोटे तौर पर यही स्थिति बने रहने की उम्मीद जताई गई है।

डिब्बाबंद फूड प्रोडक्ट की मांग तेज 

लॉकडाउन की घोषणा के बाद लोगों ने घरों में भारी मात्रा में पैकेज्ड फूड जमा कर लिया था। इस वजह से मार्च तिमाही में मैगी ब्रांड के नूडल बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया की आय 10.7 प्रतिशत ब़़ढ गई थी। किटकैट और मंच की बिक्री में भी उछाल आया। अप्रैल-मई के दौरान पारले-जी बिस्कुट की रिकॉर्ड बिक्री हुई। इस बीच ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के प्रोडक्ट की बिक्री भी काफी बढ़ी है।

डिजिटल सेवाओं की लोकप्रियता बढ़ी 

लोग संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रख रहे हैं। इसके चलते काम और मनोरंजन के लिए ऑनलाइन सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ गया है। मसलन, अप्रैल से जून के बीच ऑनलाइन एजुकेशन स्टार्टअप बायजू के नए छात्रों की संख्या तीन गुना बढ़ गई। इस तरह ऑनलाइन रिटेलर फ्लिपकार्ट का कहना है कि मार्च से लैपटॉप को लेकर सर्च दोगुना हो गया है।

मांग पूरी करना चुनौतीपूर्ण 

फ्लिपकार्ट के मुताबिक जुलाई में जूसर, मिक्सर, माइक्रोवेव और टोस्टर के लिए सर्च चार गुना बढ़ा है। जुलाई में वैक्यूम क्लीनर जैसे हाइजीन उपकरणों की मांग कोरोना के पहले वाले दौर के मुकाबले करीब चार गुना बढ़ गई है। हालत यह है कि आईएफबी जैसी कुछ कंपनियों ने डिशवॉशर के नए ऑर्डर लेना बंद कर दिया है, क्योंकि वे मांग पूरी नहीं कर पा रही हैं। सैलून बंद होने से ट्रिमर जैसे मेल और फीमेल ग्रूमिंग प्रोडक्ट्स की मांग भी बहुत बढ़ गई है।

वैकल्पिक फंडिंग का सहारा 

कोविड-19 ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। ऐसे में लोग गुजारा करने के लिए सोना गिरवी रखकर लोन ले रहे हैं। इससे गोल्ड लोन देने वाली कंपनियों का बिजनेस बढ़ गया है। यही वजह रही कि मुथूट फाइनेंस का शेयर इस साल अब तक करीब 57 प्रतिशत चढ़ गया और मणप्पुरम फाइनेंस का गोल्ड लोन पोर्टफोलियो 4.5 प्रतिशत बढ़ गया।

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