Rajiv Gandhi: राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल बाद सभी दोषी हुए रिहा, तारीख दर तारीख ये है घटनाक्रम

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा काट रहे सभी छह दोषियों को रिहा कर दिया। इस मामले में दोषी नलिनी और रविचंद्रन 30 साल से उम्रकैद की सजा काट रहे थे।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Fri, 11 Nov 2022 07:30 PM (IST) Updated:Fri, 11 Nov 2022 07:34 PM (IST)
Rajiv Gandhi: राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल बाद सभी दोषी हुए रिहा, तारीख दर तारीख ये है घटनाक्रम
राजीव गांधी हत्याकांड में 30 साल बाद सभी दोषी हुए रिहा। फाइल फोटो।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा काट रहे सभी छह दोषियों को रिहा कर दिया। इस मामले में दोषी नलिनी और रविचंद्रन 30 साल से उम्रकैद की सजा काट रहे थे। मालूम हो कि राजीव गांधी पर चुनावी रैली के दौरान श्रीपेरबंदूर में आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें उनकी जान चले गई थी। इस मामले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।

सभी दोषी हुए जेल से रिहा

राजीव गांधी हत्याकांड मामले में कोर्ट ने 1998 में 26 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सभी को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद इस मामले में कई बदलाव आए। कोर्ट ने सुनावाई के दौरान कई दोषियों की सजा कम कर दी तो कुछ दोषियों को रिहा भी कर दिया गया। कोर्ट ने इस मामले में अब छह दोषियों को रिहा करने का आदेश दे दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद इस हत्याकांड में सजा काट रहे सभी दोषी जेल से रिहा हो गए है।

राजीव गांधी हत्याकांड का घटनाक्रम

1991- तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनावी रैली में आत्मघाती हमले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई। 28 जनवरी 1998- Poonamallee Trial Court ने राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी श्रीहरन सहित 26 आरोपियों को दोषी ठहराया और सभी को मौत की सजा सुनाई। 1999- सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी समेत 4 दोषियों के लिए मौत की सजा की पुष्टि की। इस दौरान शीर्ष अदालत ने तीन दोषियों की मौत की सजा को भी कम कर दिया। अदालत ने 19 अन्य को दी गई मौत की सजा को रद्द कर दिया। 2000- तमिलनाडु के तत्तकालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की कैबिनेट ने नलिनी की मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने की सिफारिश की। कैबिनेट के इस फैसले को राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी। 2011- दोषी पेरारिवलन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया। 2014- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा 11 साल देरी से दया याचिका पर फैसला करने के आधार पर पेरारिवलन की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। 11 नवंबर 2022- सुप्रीम कोर्ट ने छह दोषियों जेल में अच्छे आचरण के कारण किया रिहा।

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