मैनपुरी में काफी समय से चल रहा है 'धर्मांतरण' का खेल

धर्मांतरण का मुद्दे ने पूरे देश में खलबली मचा दी है। मैनपुरी में भी बड़े पैमाने पर ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग गांव-गांव लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते हैं। मिशनरी टीम बनाकर न केवल भोले-भाले ग्रामीणों को नौकरी का प्रलोभन देते हैं बल्कि पैसे और शादी का

By Sanjay BhardwajEdited By: Publish:Mon, 22 Dec 2014 02:41 PM (IST) Updated:Mon, 22 Dec 2014 02:55 PM (IST)
मैनपुरी में काफी समय से चल रहा है 'धर्मांतरण' का खेल

मैनपुरी [जासं]। धर्मांतरण का मुद्दे ने पूरे देश में खलबली मचा दी है। मैनपुरी में भी बड़े पैमाने पर ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग गांव-गांव लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करते हैं। मिशनरी टीम बनाकर न केवल भोले-भाले ग्रामीणों को नौकरी का प्रलोभन देते हैं बल्कि पैसे और शादी का लालच भी दिया जाता है।

जिले में ईसाई मिशनरियों का एक दल हिंदुओं को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता है। पहले गांव में एक -दो लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाता है। फिर ये लोग एक साथ मिलकर समाज के निचले तबके के लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए लालच देते हैं। किसी न किसी बहाने से उन्हें समझाया जाता है कि निचले तबके के होने के कारण वह न तो हिंदू रह गए और न ही मुसलमान। ऐसे में वह ईसाई धर्म अपना लें।

नौकरी का प्रलोभन देने पर बेरोजगार तुरंत ही धर्म परिवर्तन के लिए तैयार हो जाते हैं। यही कारण रहा कि जिले के ग्रामीण इलाकों में बड़े पैमाने पर हिंदुओं ने ईसाई धर्म कुबूल लिया। तब धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई तक नहीं की गई।

औंछा, ईसई, अचलपुर, कुरावली, सिमरई, गुलालपुर, रीछपुरा, करौली, जसराऊ, दौलीखिरिया समेत कई गांवों में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया। हालांकि इसकी जानकारी होने पर बीते वर्ष जिले के हिंदू संगठन सक्रिय हुए। 25 दिसबंर को हिंदू से ईसाई धर्म अपनाने वाले 18 गांवों के 206 लोगों की एक कार्यक्रम आयोजित कर घर वापसी कराई गई।

तब गुलाबपुर निवासी राजबहादुर ने बताया था कि उनके घर ईसाई मिशनरी के लोग आते थे। वह मंदिर में पूजा करने से रोकते थे। ईसाई धर्म अपनाने पर परिवार के लोगों को नौकरी दिलाने का लालच दिया था। इसी लालच में फंसकर हमने ईसाई धर्म अपना लिया।

औंछा गांव निवासी श्रीचंद्र बताते हैं कि हमारे गांव में भी करीब दो साल पहले मिशनरी से जुड़े लोग आए थे। उन लोगों ने तमाम तरह के लालच दिए थे। कुछ ग्रामीणों को बरगलाने की कोशिश की थी। लेकिन ग्रामीण उनके झांसे में नहीं आए। बल्लमपुर निवासी नेत्रपाल, चोब सिंह, नेकराम का कहना है कि हमारे गांव में पूर्व में ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों ने कई परिवारों का धर्म परिवर्तन कराया था। नेत्रपाल, चोब सिंह व नेकराम भी उसमें शामिल थे। बाद में हिंदू संगठनों की पहल पर इन लोगों ने बीते वर्ष 25 दिसंबर को घर वापसी कर ली।

सक्रिय हुई पुलिस, खुफिया विभाग

ईसाई मिशनरी धीरे-धीरे कई गांवों में धर्म परिवर्तन कराते रहे। इधर, हिंदू संगठनों धर्म परिवर्तन करने वालों की घर वापसी कराने की पहल की तो पुलिस बल सक्रिय हो गया। गांव -गांव लोगों पर नजर रखी जा रही है। इसे लेकर हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि जब ईसाई मिशनरी से जुड़े लोग हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराते हैं तो सरकारें चुप रहती हैं। पुलिस प्रशासन भी कोई कार्रवाई नहीं करता। लेकिन जब उन लोगों के घर वापसी की बात आती है, तो सख्ती शुरू कर दी जाती है। ये दोहरी नीति है।

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