पीएम मोदी की बुलेट ट्रेन ने बढ़ाई कांग्रेस की धड़कन

कांग्रेस ने कहा कि अमीरों के बुलेट ट्रेन की रफ्तार में सरकार करोड़ों गरीब रेल यात्रियों की जान रोजाना जोखिम में डाल रही है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Thu, 14 Sep 2017 07:06 PM (IST) Updated:Thu, 14 Sep 2017 07:06 PM (IST)
पीएम मोदी की बुलेट ट्रेन ने बढ़ाई कांग्रेस की धड़कन
पीएम मोदी की बुलेट ट्रेन ने बढ़ाई कांग्रेस की धड़कन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने बुलेट ट्रेन परियोजना को गुजरात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चुनावी बुलेट ट्रेन करार दिया है। पीएम पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा कि हर चुनाव में मोदी कोई न कोई शिगूफा छोड़ते हैं और चुनाव जीतने के बाद इसकी अनदेखी कर देते हैं। रेल दुर्घटनाओं की लगातार बढ़ती संख्या का हवाला देते हुए कांग्रेस ने कहा कि अमीरों के बुलेट ट्रेन की रफ्तार में सरकार करोड़ों गरीब रेल यात्रियों की जान रोजाना जोखिम में डाल रही है।

गुजरात चुनाव में बुलेट ट्रेन परियोजना के सियासी प्रभाव को भापते हुए कांग्रेस ने अहमदाबाद में इसके शिलान्यास के कुछ ही देर बाद ही मोदी पर जमकर सियासी तीर दागे। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बुलेट ट्रेन पर मोदी इतने ही गंभीर थे तो दो साल तक परियोजना पर कुंडी मार कर क्यों बैठे रहे। पीएम बुलेट ट्रेन को अपनी उपलब्धि बता रहे हैं मगर हकीकत यही है कि यूपीए सरकार ने दिसंबर 2013 में जापान को इसकी फिजबिलिटी रिपोर्ट 18 महीने में तैयार करने को कहा था। तब मुंबई-अहमदाबाद समेत चार कॉरीडोर चिन्हित किये गए थे। खड़गे ने कहा कि जापान ने तय समय में अगस्त 2015 में परियोजना रिपोर्ट सौंप दी थी। मगर मोदी सरकार ने चुनावी लिहाज से इसे दो साल तक आगे नहीं बढ़ाया। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव से पहले पैकेज, उत्तरप्रदेश चुनाव से पहले वाराणसी को क्योटो बनाने के शिगूफे के बाद अब गुजरात को मोदी ने चुनावी बुलेट ट्रेन दिखाया है।

मोदी पर निशाना साधने के साथ ही सफाई भी दी कि कांग्रेस बुलेट ट्रेन के विरोध में नहीं बल्कि इसका स्वागत करती है। मगर पार्टी यह भी मानती है कि बुलेट ट्रेन आम आदमी की जेब से बाहर रहेगा। मुंबई और अहमदाबाद के बीच इसका न्यूनतम किराया 2800 से लेकर 5500 रुपए तक होगा। इस समय दो हजार रुपए में फ्लाइट से मुंबई-अहमदाबाद जाने-आने की सुविधा है। ऐसे में बुलेट ट्रेन के लाभकारी होने पर संदेह है। साथ ही यह सवाल उठता है कि कौन गरीब इस बुलेट ट्रेन में बैठेगा।

खड़गे ने बुलेट ट्रेन के 500 किलोमीटर के रास्ते में 12 स्टेशन पर स्टाप बनाए जाने पर भी चुटकी ली और कहा ऐसा कि इससे औसत स्पीड राजधानी ट्रेन से भी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अमीरों के बुलेट ट्रेन पर 1 लाख 10 हजार करोड रुपए खर्च करने का फैसला तो कर लिया है मगर रेल से चलने वाले करोड़ों आम लोगों की जान की सुरक्षा के लिए 40 हजार करोड रुपए देना मुनासिब नहीं समझा है। पूर्व रेलमंत्री खड़गे ने कहा कि रेलवे सुरक्षा और संरक्षा के लिए सरकार ने केवल 5 हजार करोड रुपए दिए हैं। इतना ही नहीं रेलवे में 3 लाख से अधिक खाली पदों में 1.42 लाख केवल सुरक्षा और संरक्षा से जुड़े पद खाली हैं। मगर एनडीए सरकार रेलवे की हालात सुधारने की बजाय चुनावी बुलेट ट्रेन की सवारी करना चाहती है।

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