जीएसटी बिल में संशोधन पारित कराने को कांग्रेस ने कसी कमर

पार्टी सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टियों की ओर से जीएसटी लागू करने से संबंधित बिलों में तीन से पांच संशोधन लाने की तैयारी है।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Fri, 31 Mar 2017 08:00 PM (IST) Updated:Fri, 31 Mar 2017 08:08 PM (IST)
जीएसटी बिल में संशोधन पारित कराने को कांग्रेस ने कसी कमर
जीएसटी बिल में संशोधन पारित कराने को कांग्रेस ने कसी कमर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । सरकार के साथ राजनीतिक लड़ाई के मुकाबले में बने रहने की हर गुंजाइश तलाश रही कांग्रेस ने जीएसटी से जुड़े बिलों पर राज्यसभा में अपने सांसदों को मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। पार्टी ने अगले हफ्ते राज्यसभा में जीएसटी बिलों में संशोधन पारित कराने की रणनीति के तहत सांसदों की पर्याप्त उपस्थिति सुनिश्चित करना चाहती है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि विपक्षी पार्टियों की ओर से जीएसटी लागू करने से संबंधित बिलों में तीन से पांच संशोधन लाने की तैयारी है। कांग्रेस के अलावा वामदल और तृणमूल कांग्रेस की ओर से भी संशोधन पेश किया जा सकता है। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद जहां विपक्षी दलों को इस मसले पर साथ जोड़ने की पहल कर रहे हैं। वहीं पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम संशोधन प्रस्तावों का मजमून तैयार कर रहे। कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी अपनी ओर से संशोधन पेश करंेगे। दिग्विजय ने संशोधन लाने की बात तो कही मगर इसका ब्योरा नहीं दिया।

जीएसटी को कार्यान्वित करने से संबंधित बिलों में कांग्रेस की ओर से सबसे प्रमुख एतराज संसद के अधिकार क्षेत्र में दखल को लेकर है। इसीलिए पार्टी का सबसे प्रमुख संशोधन कर की दर निर्धारण का अधिकार जीएसटी काउंसिल को देने के प्रावधान पर है। इस प्रावधान के तहत टैक्स की दर काउंसिल तय करेगी और सरकार इसकी सिफारिशों के अनुरूप इसे लागू करेगी। कांग्रेस का मानना है कि काउंसिल को कर निर्धारण का यह अधिकार संसद की सर्वोच्चता में दखल होगा क्योंकि कर की दर तय करने का अधिकार केवल संसद का है। हालांकि कांग्रेस को यह बखूबी मालूम है कि राज्यसभा में संशोधन पारित कराने से भी मनी बिल के रुप में आए जीएसटी से जुड़े बिलों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

मनी बिल होने के नाते राज्यसभा में संशोधन पारित भी हो जाता है तो दुबारा सरकार बिल को लोकसभा में लाकर इन संशोधन को खारिज करा देगी। वैसे भी सरकार का तर्क है कि जीएसटी काउंसिल को अधिकार देने का अर्थ संसद के अधिकार मे कटौती नहीं है। संसद ने जीएसटी काउंसिल को जिम्मेदारी निभाने का मौका दिया है। संसद सर्वोपरि है और वह बनी रहेगी। रामनवमी के अवकाश के बाद अगले हफ्ते जीएसटी बिल राज्यसभा में पारित होने के लिए आएगा।

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