गृह मंत्रालय के फैसले पर भड़के सीमांध्र के कांग्रेस सांसद

तेलंगाना पर आंध्र प्रदेश के लोगों की चिंताएं दूर करने के लिए कांग्रेस की एक उच्च स्तरीय समिति के प्रस्तावित दौरे से पहले सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र के क्षेत्र) के कांग्रेसी सांसदों ने अपने तेवर और सख्त कर दिए हैं। सीमांध्र के सांसदों ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिलकर कैबिनेट नोट प्रस्तुत करने के फैस

By Edited By: Publish:Wed, 04 Sep 2013 10:37 PM (IST) Updated:Wed, 04 Sep 2013 10:39 PM (IST)
गृह मंत्रालय के फैसले पर भड़के सीमांध्र के कांग्रेस सांसद

नई दिल्ली। तेलंगाना पर आंध्र प्रदेश के लोगों की चिंताएं दूर करने के लिए कांग्रेस की एक उच्च स्तरीय समिति के प्रस्तावित दौरे से पहले सीमांध्र (रायलसीमा और तटीय आंध्र के क्षेत्र) के कांग्रेसी सांसदों ने अपने तेवर और सख्त कर दिए हैं। सीमांध्र के सांसदों ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से मिलकर कैबिनेट नोट प्रस्तुत करने के फैसले पर नाराजगी जतायी है। मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी की राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात को भी सांसदों की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है।

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में कांग्रेस की एक उच्चस्तरीय समिति संसद के मानसून सत्र के बाद आंध्र प्रदेश का दौरा करने वाली है। इस समिति में केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल शामिल हैं। ये समिति सीमांध्र के सांसदों के आग्रह पर राज्य के दौरे पर जा रही है।

केंद्र पर दबाव बढ़ाने की कोशिशों के तहत मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी की अगुआई में सीमांध्र के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को शिंदे से मुलाकात कर गृह मंत्रालय के उस फैसले पर कड़ा विरोध जताया जिसके तहत तेलंगाना के गठन को लेकर अगले 20 दिनों में कैबिनेट के समक्ष एक नोट प्रस्तुत करने की बात कही गई है। इस प्रतिनिधिमंडल में केंद्रीय मंत्री पल्लम राजू, पनाबाका लक्ष्मी, जेडी सीलम और डी. पुरंदेश्वरी देवी भी शामिल थीं।

कांग्रेस सांसद एल. राजगोपाल ने पत्रकारों से कहा कि यदि केंद्र तेलंगाना के फैसले पर अडिग रहता है तो हम लोग कोई भी कदम उठा सकते हैं। कांग्रेस के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के लोग बिना किसी नेतृत्व के सड़कों पर उतर आए हैं। उनके मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व के प्रति उनका विश्वास पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। राजगोपाल ने इस मसले पर एक सर्वदलीय समिति गठित करने की मांग की है।

दूसरी ओर, संयुक्त आंध्र प्रदेश की मांग को लेकर संसद में विरोध के चलते तेलुगु देसम के निलंबित चार सांसदों ने संसद द्वार पर तेलुगु गाना गाकर अपना विरोध व्यक्त किया।

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