मेडिकल शिक्षा में सफाई के लिए नया आयोग जल्द

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के बिल का मसौदा दूसरे मंत्रालयों की सलाह के लिए भेज दिया गया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Publish:Wed, 22 Feb 2017 08:08 PM (IST) Updated:Wed, 22 Feb 2017 10:38 PM (IST)
मेडिकल शिक्षा में सफाई के लिए नया आयोग जल्द
मेडिकल शिक्षा में सफाई के लिए नया आयोग जल्द

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मेडिकल शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार, अपारदर्शिता और अव्यवस्था को दूर करने के लिए सरकार ने मेडिकल काउंसिल की मौजूदा व्यवस्था को खत्म कर बिल्कुल नई और पारदर्शी व्यवस्था लाने की तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) बिल तैयार कर दूसरे मंत्रालयों के साथ साझा किया है। सरकार इसे संसद के मौजूदा सत्र की अगली बैठक में ही पेश करने की तैयारी में है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के बिल का मसौदा दूसरे मंत्रालयों की सलाह के लिए भेज दिया गया है। इसके बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी ले कर संसद में पेश किया जाएगा। यह बिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद बिल की जगह लेगा। इससे पहले सरकार ने इस बिल में संशोधन का एक प्रस्ताव संसद में पेश किया था। मगर अब बिल्कुल नए सिरे से आयोग की व्यवस्था का बिल पेश किया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोग के लिए पिछले साल ही पहल की थी। उन्होंने नीति आयोग उपाध्यक्ष अरविंद पानागढि़या की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसे मेडिकल शिक्षा की व्यवस्था पर विचार कर नई बेहतर व्यवस्था के लिए प्रस्ताव करना था। इसी ने राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की सिफारिश की थी और फिर बिल का प्रारंभिक मसौदा भी तैयार किया था। पिछले साल ही इसने बिल का मसौदा तैयार कर लिया था। इस समिति में पानागढि़या के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त प्रधान सचिव पीके मिश्र और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी शामिल थे। ये सभी अधिकारी प्रधानमंत्री के पसंदीदा माने जाते हैं।

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मेडिकल काउंसिल लंबे समय से विभिन्न विवादों में रहा है। इस पर भ्रष्टाचार के आरोप तो लगते ही रहे हैं, मेडिकल कालेजों की सीटें नहीं बढ़ पाने के लिए भी इसे जिम्मेवार ठहराया जाता रहा है। नए संगठन में विभिन्न काम अलग-अलग बोर्ड में बांट दिए जाएंगे। इसके सदस्यों और अध्यक्ष का चुनाव बिल्कुल पारदर्शी और पेशेवर तरीके से किया जाएगा।

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