कोयला घोटाला: मनमोहन के सलाहकार रहे नायर से पूछताछ

केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] ने कोयला ब्लॉकों के आवंटन में कथित अनियमितता की जांच के सिलसिले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे टीकेए नायर से पूछताछ की है। यह पूछताछ उस समय के कोयला ब्लॉकों के आवंटन के सिलसिले में हुई, जब मनमोहन सिंह के पास कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था। सीबीआई सूत्रों ने सोम

By Edited By: Publish:Mon, 21 Jul 2014 09:25 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jul 2014 09:27 PM (IST)
कोयला घोटाला: मनमोहन के सलाहकार रहे नायर से पूछताछ

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] ने कोयला ब्लॉकों के आवंटन में कथित अनियमितता की जांच के सिलसिले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सलाहकार रहे टीकेए नायर से पूछताछ की है। यह पूछताछ उस समय के कोयला ब्लॉकों के आवंटन के सिलसिले में हुई, जब मनमोहन सिंह के पास कोयला मंत्रालय का भी प्रभार था।

सीबीआई सूत्रों ने सोमवार को बताया कि पिछले महीने नायर से दो बार पूछताछ तब की गई जब एजेंसी को इस साल की शुरआत में दिए गए उनके बयानों पर कुछ स्पष्टीकरण की जरुरत महसूस हुई।

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई ने उन्हें एक विस्तृत प्रश्नावली भेज कर कथित अनियमितताओं पर उनका जवाब मांगा था। इस पर उन्होंने इस साल की शुरुआत में अपने जवाब दिए थे। कोयला ब्लॉकों की नीलामी में हुई देरी, गायब हुई फाइलों और हिंडाल्को को आवंटित तालाबीरा कोयला ब्लॉक पर नायर से जवाब मांगा गया था। हिंडाल्को को तालाबीरा ब्लॉक आवंटित किए जाने के मामले में सीबीआई ने तत्कालीन कोयला सचिव पीसी पारख और आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिड़ला के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

सूत्रों ने बताया कि नायर के जवाब के विश्लेषण पर सीबीआई को लगा कि कई बिंदुओं पर उनसे स्पष्टीकरण मांगने की जरुरत है, क्योंकि जांच अधिकारियों के लिए उनके जवाब स्पष्ट नहीं थे। इसके बाद अधिकारियों ने जून महीने में दो बार नायर से मुलाकात की और एजेंसी की ओर से चिन्हित बिंदुओं पर उनका स्पष्टीकरण दर्ज किया।

सीबीआई ने इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछताछ की संभावना से इंकार नहीं किया पर यह भी कहा कि निकट भविष्य में उनसे पूछताछ करने की कोई योजना नहीं है। इससे पहले सीबीआई पीएमओ में तैनात दो पूर्व अधिकारियों- विनी महाजन और आशीष गुप्ता से पूछताछ कर चुकी है। महाजन और गुप्ता 2006 से 2009 के बीच पीएमओ में तैनात थे।

सूत्रों के अनुसार सीबीआई के सवाल ओडिशा में तालाबीरा कोल ब्लॉक हिंडाल्कों को आवंटित किए जाने के इर्दगिर्द रहा। जांच एजेंसी ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा अर्जी खारिज किए जाने के बाद कंपनी को कोयला ब्लॉक का आवंटन कर दिया गया।

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