गणमान्यों को नहीं घर की सफाई की चिंता

जागरण संवाददाता, देहरादून। राजधानी में नेशविला रोड को अगर गंदगी का दूसरा नाम कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हालत ये है कि इसी सड़क पर विधायक व अन्य कई गणमान्य लोगों का निवास है, मगर उन्हें कभी भी अपने घर को साफ रखने की चिंता नहीं रही। सड़क के दोनों तरफ गंदगी और कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। आमजन का जीना मुश्किल हो रहा

By Babita kashyapEdited By: Publish:Sat, 18 Oct 2014 12:31 PM (IST) Updated:Sat, 18 Oct 2014 12:32 PM (IST)
गणमान्यों को नहीं घर की सफाई की चिंता

जागरण संवाददाता, देहरादून। राजधानी में नेशविला रोड को अगर गंदगी का दूसरा नाम कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हालत ये है कि इसी सड़क पर विधायक व अन्य कई गणमान्य लोगों का निवास है, मगर उन्हें कभी भी अपने घर को साफ रखने की चिंता नहीं रही। सड़क के दोनों तरफ गंदगी और कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। आमजन का जीना मुश्किल हो रहा है, फिर भी सब बेफिक्त्री ओढ़े हैं। नगर निगम का हाल तो ये है कि इस सड़क की तरफ शायद ही कभी झांका हो।

देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है, लेकिन अपने दून के जनप्रतिनिधियों को इससे कोई वास्ता नहीं। हां, अभियान के पहले दिन यानी दो अक्टूबर को जरूर हाथ में झाड़ू लेकर फोटो सेशन कराने सड़कों पर निकले थे, मगर अब सब शांत हो चुका है। मकसद पूरा हो गया और पार्टी आलाकमान तक सफाई करते हुए फोटो भी पहुंच गई। जबकि, शहर में गंदगी का आलम वहीं का वहीं है। यह हाल तब है, जब सरकार यहां बैठती है।

नेशविला रोड को ही लें। इसका मुख्य द्वार प्रदेश की सत्ता संभाल रही कांग्रेस मुख्यालय से शुरू होता है। इस भवन के बाहर भी कूड़े के ढेर लगे हैं। जरा सड़क से अंदर चलिए तो कदम-दर-कदम हकीकत सामने आने लगती है। सड़क के दोनों ओर गंदगी और कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। खाली प्लाट को मानो कूड़ाघर ही हों। इतना ही नहीं, इसी रोड पर मसूरी विधायक गणेश जोशी का आवास भी है और उनके घर के बाहर ही गंदगी पसरी हुई है। बावजूद इसके शायद ही उन्होंने कभी इस ओर ध्यान दिया हो। स्थानीय पार्षद तो जनसमस्या की ओर कभी झांकते ही नहीं। इस पर कालीदास मार्ग से लेकर पथरिया पीर तक गंदगी का आलम है। स्थानीय लोगों की मानें तो यहां नगर निगम भी यदाकदा ही झांकता है। ऐसे में नेशविला रोड सही मायने में गंदगी का दूसरा नाम नजर आ रही है।

कूड़ेदान हैं नहीं कहां डलेगा कचरा

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