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कूड़ेदान हैं नहीं कहां डलेगा कचरा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: एक ओर स्वच्छ भारत का सपना तो दूसरी ओर सफाई के लिए संसाधनों का अभाव। हरिद्

By Edited By: Published: Fri, 17 Oct 2014 08:15 PM (IST)Updated: Fri, 17 Oct 2014 08:15 PM (IST)
कूड़ेदान हैं नहीं कहां डलेगा कचरा

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: एक ओर स्वच्छ भारत का सपना तो दूसरी ओर सफाई के लिए संसाधनों का अभाव। हरिद्वार शहर की बात करें तो यहां के नगर निगम ने महज 65 कूड़ेदान ही शहर में रखे हैं, जबकि आवश्यकता इससे अधिक की है। ऐसे में धर्मनगरी को साफ रखने का सपना पूरा करने के लिए अधिक प्रयास की जरूरत महसूस की जा रही है।

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शहर में सफाई अभियान शुरू हुए दो सप्ताह से अधिक समय बीत गया। लोग सफाई भी कर रहे हैं लेकिन संसाधनों की कमी अभियान को पूरा नहीं होने दे रही। क्योंकि अधिकतर स्थानों पर नगर निगम ने कूड़ेदान ही उपलब्ध नहीं करवाए हैं। कॉलोनियों से जमा कूड़ा सड़क पर गंदगी फैला रहा है। शहर के बीच से स्थानों से ही शुरू किया जाए तो टिबड़ी रेलवे फाटक के पास सड़क की दोनों ओर कूड़े के ढ़ेर लगे हैं। नाक पर रुमाल रखे बिना यहां से गुजरा नहीं जा सकता। कूड़ादान न होने से लोग जहां तहां कचरा फेंक रहे हैं। ऊपर से निगम अधिकारियों का यह तर्क यह कि निगम ने तो यहां कूड़ादान रखा था, स्थानीय लोगों की मांग पर ही इससे हटाया गया है। पर निगम यहां से कूड़ादान हटाने के बाद यहां की सफाई भी करना भूल गई।

ज्वालापुर रेलवे फाटक के पास भी स्थिति ज्यादातर अच्छी नहीं है। यहां भी कूड़ा इधर उधर बिखरा नजर आता है। जो यहां के लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता है। गोविंदपुरी जैसी बड़ी कॉलोनी में भी पर्याप्त कूड़ेदान नहीं है। गंगनहर की ओर घाट के पास भी ट्रेंचिंग ग्राउंड सी स्थिति है। कूड़ेदान के अभाव में कचरा जमीन पर ही बिखरा है। इस कचरे के कारण गंगनहर भी प्रदूषित हो रही है।

कनखल क्षेत्र की बात करें तो यहां भी स्थिति जुदा नहीं। सूखी नदी से भूपतवाला के बीच एक भी कूड़ादान नहीं। हर की पैड़ी के पीछे दो कूड़ेदान जरूर रखे गए हैं पर यहां भी कचरा सड़क पर ही पड़ा रहता है।

समस्या का मुख्य कारण नगर निगम के पास कूड़ेदानों की कमी है। शहर भर में कूड़ा जमा करने के लिए महज 65 कूड़ेदान रखे गए हैं। निगम के अधिकारियों का कहना है कि जरूरत दोगुने से अधिक कूड़ेदानों की है।

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यह की सफाई व्यवस्था के लिए 65 कूड़ेदान काफी कम हैं। नगर निगम के आर्थिक हालात अभी ठीक नहीं हैं। व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर की सामाजिक संस्थाओं को भी सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।

मनोज गर्ग, मेयर नगर निगम


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