वर्चुअल सुनवाई के लिए CJI ने जारी किए जरूरी निर्देश, जाने वकीलों को किस बात रखना होगा खास ख्याल

देश के चीफ जस्टिस ने मोबाइल फोन के जरिए सुनवाई में भाग लेने पर नाराजगी व्यक्त की है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि वर्चुअल सुनवाई में मोबाइल फोन के जरिए शामिल होने पर न्यायाधीशों को सुनने और देखने में मुश्किल होती है।

By Amit SinghEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 03:04 PM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 03:26 PM (IST)
वर्चुअल सुनवाई के लिए CJI ने जारी किए जरूरी निर्देश, जाने वकीलों को किस बात रखना होगा खास ख्याल
वर्चुअल सुनवाई के लिए CJI ने जारी किए जरूरी निर्देश

नई दिल्ली, एएनआई: पूरे विश्व में फैली कोरोना महामारी के कारण वर्क फ्राम होम का चलन का प्रसार तेजी से हुआ है। ऐसे में नौकरीपेशा लोगों के साथ-साथ कोर्ट की कार्यवाही भी वर्चुअल तौर पर हो रही है। ताकि, कोरोना प्रतिबंधों का पालन करते हुए रफ्तार के साथ फैल रहे संक्रमण पर रोक लगाई जा सके। लेकिन काम करने के इस तरीके की वजह से बहुत सी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है। देश के चीफ जस्टिस ने मोबाइल फोन के जरिए सुनवाई में भाग लेने पर नाराजगी व्यक्त की है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि वर्चुअल सुनवाई में मोबाइल फोन के जरिए शामिल होने पर न्यायाधीशों को सुनने और देखने में मुश्किल होती है।

वकीलों के लिए CJI के निर्देश

मुख्य न्यायाधीश रमना ने निर्देश दिए हैं कि वर्चुअल सुनवाई के दौरान वकील लैपटाप और डेस्कटाप का इस्तेमाल करें। मामलों की सुनवाई के दौरान वकील मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने बचें। सीजेआई ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “मोबाइल फोन के माध्यम से पेश होने पर बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर यह प्रथा बंद नहीं हुई तो मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाना पड़ सकता है। इस दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों से सवाल किया कि आईपैड, लैपटाप, डेस्कटाप का इस्तेमाल आप क्यों नहीं कर सकते हैं?"

दो हफ्तों तक चलेगी वर्चुअल सुनवाई

गौरतलब है कि कोविड-19 के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए, शीर्ष अदालत ने दो जनवरी को वर्चुअल सुनवाई की प्रक्रिया अपनाने का फैसला किया था। जिसके बाद ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए तीन जनवरी के अगले दो हफ्तों के लिए इस प्रक्रिया को जारी रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट में पिछली साल अक्टूबर 2021 को भौतिक सुनवाई शुरू कीगई थी। लेकिन एक बार फिर कार्यवाही की व्यवस्था दो सप्ताह तक जारी रहेगी। वहीं, एक अन्य सर्कुलर के जरिए शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों ने अपने आवासीय कार्यालयों से काम करने का फैसला किया है।

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