ब्रिक्‍स के बाद बड़ा सवाल, क्‍या आतंकी मसूद अजहर पर भी बदलेगा चीन का रुख

ब्रिक्‍स सम्‍मेलन के बाद आतंकवाद के मुद्दे पर चीन के रुख में बदलाव देखने को मिला है, मगर भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्‍मेदार मसूद अजहर पर उसका रुख बदलेगा या नहीं यह देखना होगा।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Wed, 06 Sep 2017 10:22 AM (IST) Updated:Wed, 06 Sep 2017 11:39 AM (IST)
ब्रिक्‍स के बाद बड़ा सवाल, क्‍या आतंकी मसूद अजहर पर भी बदलेगा चीन का रुख
ब्रिक्‍स के बाद बड़ा सवाल, क्‍या आतंकी मसूद अजहर पर भी बदलेगा चीन का रुख

नई दिल्‍ली। इस साल ब्रिक्स के घोषणापत्र में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्‍तान स्थित आतंकी संगठनाें को आइएस जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ रखे जाने को चीन के रुख में बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है, मगर साथ ही ये सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या आगे चलकर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित आतंकवादी घोषित करवाने में चीन भारत का साथ देगा।

हालांकि इस मसले पर कहा जा रहा है कि चीन के रुख में बदलाव नहीं आएगा। अब तक चीन आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्‍तान का बचाव करता आ रहा है और कहता रहा है कि वह आतंकवाद निरोधक अंतरराष्‍ट्रीय प्रयासों में सबसे आगे की कतार में खड़ा है।

टाइम्‍स ऑफ इंडिया के अनुसार, ब्रिक्‍स सम्‍मेलन से पहले भी चीनी अधिकारियों ने जोर देते हुए भारत से कहा था कि आतंकवाद का मुद्दा उठाकर माहौल खराब ना करे। हालांकि भारत अपने रुख पर अड़ा रहा, कहा कि अपनी चिंता जाहिर करेगा। ऐसे में ब्रिक्‍स के घोषणा पत्र में इन आतंकी संगठनों को शामिल किया जाना एक महत्‍वपूर्ण कदम है। मगर ब्रिक्‍स घोषणा पत्र का यह मतलब नहीं है कि चीन जैश-ए-मोहम्‍मद प्रमुख मसूद अजहर पर अपना रुख बदलने को तैयार है। वह संयुक्‍त राष्‍ट्र में अजहर को लेकर प्रतिबंध पर अपनी रोक को बरकरार रखकर बचाव कर सकता है।

हालांकि पिछले साल ब्रिक्‍स में पाकिस्‍तान को आतंकवाद की 'जननी' कहे जाने पर चीन ने भारत के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी। ऐसे में इस साल के ब्रिक्‍स के घोषणापत्र को देखते हुए आतंकवाद पर चीन के रुख में बड़ा बदलाव तो साफ नजर आ रहा है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह डोकलाम का असर है तो कुछ का कहना है कि इतने बड़े सम्‍मेलन का आयोजक होने के नाते चीन ने सबके साथ सहमति दिखाने की रणनीति अपनाई। आपको बता दें कि डोकलाम क्षेत्र में चीन के एक सड़क निर्माण को लेकर दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी। हालांकि ब्रिक्‍स सम्‍मेलन से ठीक पहले यह विवाद सुलझा लिया गया।

वहीं यह भी बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद को पठानकोट समेत भारत में हुए कई आतंकी हमलों का जिम्मेदार माना जाता है और संयुक्त राष्ट्र में उसे पहले ही प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित किया जा चुका है। मगर जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित आतंकवादी घोषित करने में चीन अब तक अड़ंगा लगाता रहा है। अब आगे भी उसकी इस रणनीति पर भारत क्‍या रुख अपनाएगा, यह देखना होगा।

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