भारतीयों के लिए अच्‍छी खबर, चीन-तुर्की से जल्‍द मिलेंगे फ्लाइट के ज्‍यादा विकल्‍प

दोनों देश लंबे समय से भारत से ज्‍यादा उड़ान की मांग करते आ रहे हैं। मौजूदा समय में उनके पास सीमित उड़ान अधिकार हैं।

By Pratibha Kumari Edited By: Publish:Wed, 14 Jun 2017 03:12 PM (IST) Updated:Wed, 14 Jun 2017 04:23 PM (IST)
भारतीयों के लिए अच्‍छी खबर, चीन-तुर्की से जल्‍द मिलेंगे फ्लाइट के ज्‍यादा विकल्‍प
भारतीयों के लिए अच्‍छी खबर, चीन-तुर्की से जल्‍द मिलेंगे फ्लाइट के ज्‍यादा विकल्‍प

नई दिल्‍ली। देश-विदेश घूमने वाले भारतीयों के लिए अच्‍छी खबर है। चीन और तुर्की जैसे देशों से जल्‍द फ्लाइट के ज्‍यादा विकल्‍प मिलने वाले हैं। दोनों देश लंबे समय से भारत से ज्‍यादा उड़ान की मांग करते आ रहे हैं। मौजूदा समय में उनके पास सीमित उड़ान अधिकार हैं।

टाइम्‍स ऑफ इंडिया के अनुसार, विमानन मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने कहा कि अब फैसला लिया गया है कि इस तरह के मामले में हम भारत और संबंधित देश के बीच हवाई यातायात में विकास दर को जोड़कर द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाएंगे। जैसे उदाहरण के तौर पर भारत और किसी देश के बीच पिछले तीन सालों में हवाई यातायात में सालाना औसतन सात फीसदी की वृद्धि हुई है तो द्विपक्षीय सहयोग विकास दर का दोगुना बढ़ाया जा सकता है। यह बढ़कर 14 फीसदी हो जाएगा।

गाैरतलब है कि कांग्रेस के नेतृत्‍व में यूपीए सरकार ने कई देशों को ज्‍यादा उड़ान अधिकार दिए थे। इनमें खास तौर से खाड़ी देश शामिल हैं। इसको लेकर कैग ने सवाल भी उठाए थे। मोदी सरकार इस संबंध में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने को लेकर बेहद सतर्क है और यह तभी इजाजत देती है जब भारतीय विमानें किसी देश को लेकर अपने उड़ान अधिकारों का 80 फीसदी इस्‍तेमाल कर चुकी होती हैं।

हालांकि यह अनौपचारिक नियम है, जो चीन व तुर्की जैसे देशों के परिप्रेक्ष्‍य में हवाई यातायात विकास को प्रभावित कर रही है। वैसे तो चीन से भारत की कई उड़ाने हैं, मगर घरेलू में सिर्फ एयर इंडिया की उड़ानें ही शामिल हैं। जबकि तुर्की के लिए अब तक कोई भारतीय उड़ान है ही नहीं।

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