कांग्रेस ने 2009 में शुरू की थी मसूद अजहर को ग्‍लोबल टेरेरिस्‍ट घोषित करने की प्रक्रिया : चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय वित्‍त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया यूपीए सरकार ने साल 2009 में शुरू की थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 04 May 2019 06:04 PM (IST) Updated:Sat, 04 May 2019 09:43 PM (IST)
कांग्रेस ने 2009 में शुरू की थी मसूद अजहर को ग्‍लोबल टेरेरिस्‍ट घोषित करने की प्रक्रिया : चिदंबरम
कांग्रेस ने 2009 में शुरू की थी मसूद अजहर को ग्‍लोबल टेरेरिस्‍ट घोषित करने की प्रक्रिया : चिदंबरम

नई दिल्‍ली, एजेंसी। पूर्व केंद्रीय वित्‍त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया यूपीए सरकार ने साल 2009 में शुरू की थी। यह प्रक्रिया 10 साल बाद अब जाकर पूरी हुई है। मिस्‍टर नरेंद्र मोदी इस कहानी की केवल लास्‍ट सीन के बारे में बात कर रहे हैं। यह बिल्‍कुल किसी फिल्‍म के अंतिम सीन को देखने जैसा है। चिदंबरम ने सवाल किया कि इससे पहले वाले दृश्‍यों का क्‍या...? 

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाते हुए कहा कि हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी के तौर पर किसने नामित किया...? क्या आप लखवी को भूल गए हैं..? जब कांग्रेस सत्ता में थी तभी इन दोनों को ही वैश्विक आतंकवादी के तौर पर नामित किया गया था। मसूद अजहर कोई पहला व्‍यक्ति नहीं है, जो वैश्विक आतंकी घोषित हुआ है। चिदंबरम ने कहा कि कहा कि भाजपा व्यर्थ ही इसका श्रेय ले रही है। इस सफलता की वास्‍तविक हकदार कांग्रेस है। 

चिदंबरम ने कहा कि 'मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कराने के लिए हमने साल 2009 में ही प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जो 10 साल बाद अब जाकर पूरी हुई है। मोदी केवल कहानी के अंतिम सीन की बात कर रहे हैं, इससे पहले के दृश्यों का क्या हुआ...?' बता दें कि इससे पहले सरकार के विदेश मंत्रालय ने दावा किया था कि पुलवामा आतंकी हमले ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में अहम रोल अदा किया। 

वहीं आधिकारिक सूत्रों ने कल बताया था कि पुलवामा हमले के बाद ही संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर (Masood Azhar) को सूचीबद्ध करने की पूरी प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस बारे में UNSC ने कड़ा बयान जारी किया जिससे इसकी पुष्टि हुई है। बयान में कहा गया है कि इस मामले में पुलवामा लिंक बहुत साफ है। पूरी प्रक्रिया तथ्‍यों और सबूतों पर आधारित रही। पुलवामा हमले की स्थिति मसूद अजहर के खिलाफ पर्याप्‍त सबूत उपलब्‍ध कराने वाली रही। 

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