छत्तीसगढ़ : अगले साल से 10वीं के बच्चे पढ़ेंगे सूचना क्रांति के जनक राजीव गांधी

प्रदेश की 27 महान विभूतियों से संबंधित पाठ विभिन्न कक्षाओं की नैतिक शिक्षा की पुस्तक में शामिल किए जाएंगे।

By Neel RajputEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 11:16 PM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 11:16 PM (IST)
छत्तीसगढ़ : अगले साल से 10वीं के बच्चे पढ़ेंगे सूचना क्रांति के जनक राजीव गांधी
छत्तीसगढ़ : अगले साल से 10वीं के बच्चे पढ़ेंगे सूचना क्रांति के जनक राजीव गांधी

रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में 10वीं के बच्चों को अगले साल से देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भारतरत्न राजीव गांधी के बारे में पढ़ाया जाएगा। हिंदी की पुस्तक में उनसे संबंधित पाठ में सूचना और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान का उल्लेख होगा। राजीव गांधी को सूचना क्रांति का जनक बताया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) ने इस पाठ को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही प्रदेश की 27 महान विभूतियों से संबंधित पाठ विभिन्न कक्षाओं की नैतिक शिक्षा की पुस्तक में शामिल किए जाएंगे। पढ़ेंगे 14 साल की बालिका की बहादुरी राज्य की महान विभूतियों में बच्चे महासमुंद की बालिका दयावती बाई के बारे में पढ़ेंगे।

दयावती ने 14 साल की उम्र में तमोरा जंगल सत्याग्रह में हिस्सा लेते हुए अंग्रेज अफसर को तमाचा जड़ा था। उनकी बहादुरी से बच्चों को अवगत कराया जाएगा। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में शहीद वीरनारायण सिंह, हनुमान सिंह और वीरांगना रानी अवंति बाई, क्रांतिकारी नारायण सिंह, वीर सुरेंद्र साय, हीरालाल काव्योध्याय, तुलाराम परगनिहा (इन्होंने हजारों एकड़ जमीन दान की थी), वीर हनुमान सिंह, पं. माधवराव सप्रे, पं. वामनराव लाखे, पं. रविशंकर शुक्ल, हरिनाथ डे, पं. सुंदरलाल शर्मा, घनश्याम सिंह गुप्त, पं. लोचन प्रसाद पाण्डेय, बैरिस्टर छेदीलाल, ई. राघुवेंद्र राव, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, रामदयाल तिवारी, यतियतन लाल, पं. मुकुटधर पांडेय, डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र, डॉ. खूबचंद्र बघेल को पाठ्यक्रम में शामिल जाएगा।

साहित्यकारों में बंदे अली फातमी, मुंशी अब्दुल रऊफ मेहवी, पदुमलाल पुन्नालाख बख्शी, लाल प्रद्युमन्न सिंह को पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही सामाजिक एवं सांस्कृतिक जागृत के प्रणेता गुर घासीदास को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा, इसलिए पढ़ना जरूरी स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी भारत में सूचना क्रांति के जनक हैं। देश के कंप्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रांति का श्रेय उन्हें ही जाता है। इससे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम में अभी पूर्व प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णनन से संबंधित पाठ ¨हदी और संस्कृत की पुस्तक में हैं। सरकार समानता को महत्व दे प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही नहीं, प्रदेश की तमाम विभूतियों को बच्चे पढ़ें। इसपर सरकार को समानता के साथ सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय से संबंधित पाठ और उनके नाम से संचालित योजनाओं को हटाकर छोटी सोच का परिचय दिया है।

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