Chandrayaan-3: पृथ्वी की अगली और बड़ी कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-3, तय प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ रहा मिशन

चंद्रयान-3 की कक्षा बदल दी गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कक्षा बदलने की प्रक्रिया (अर्थबाउंड-फायरिंग-1) सफलतापूर्वक पूरा कर चंद्रयान-3 को अगली और बड़ी कक्षा में भेज दिया है। इसरो ने कहा कि अंतरिक्ष यान के सभी उपकरण सही से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-3 अब 41762 किमी की कक्षा में है। आनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर करते हुए पांच बार कक्षा बदली जाएगी।

By AgencyEdited By: Publish:Sat, 15 Jul 2023 11:44 PM (IST) Updated:Sat, 15 Jul 2023 11:44 PM (IST)
Chandrayaan-3: पृथ्वी की अगली और बड़ी कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-3, तय प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ रहा मिशन
पृथ्वी की अगली और बड़ी कक्षा में पहुंचा चंद्रयान-3 । फोटोः @isro

श्रीहरिकोटा, पीटीआई। चांद से मिलने गया अपना यान सही तरीके से आगे बढ़ रहा है। चंद्रयान-3 की कक्षा बदल दी गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को कक्षा बदलने की प्रक्रिया (अर्थबाउंड-फायरिंग-1) सफलतापूर्वक पूरा कर चंद्रयान-3 को अगली और बड़ी कक्षा में भेज दिया है।

थ्रस्टर्स को फायर करना किया गया शुरू

चंद्रयान-3 पर लगाए गए थ्रस्टर्स को फायर करना शुरू कर दिया गया है। इसरो ने इंटरनेट मीडिया पोस्ट में कहा कि अंतरिक्ष यान के सभी उपकरण सही से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-3 अब 41762 किमी की कक्षा में है। चंद्रयान-3 अब जिस कक्षा में है वह पृथ्वी से सबसे नजदीक होने पर 173 किलोमीटर पर है और पृथ्वी से सबसे दूर होने पर 41,762 किलोमीटर की दूरी पर है। चंद्रयान-3 को प्रक्षेपण के बाद जिस कक्षा में डाला गया था वह पृथ्वी से सबसे नजदीक होने पर 170 किलोमीटर और पृथ्वी से सबसे दूर होने पर 36,500 किलोमीटर की दूरी पर है।

Chandrayaan-3 Mission update:
The spacecraft's health is normal.

The first orbit-raising maneuver (Earthbound firing-1) is successfully performed at ISTRAC/ISRO, Bengaluru.

Spacecraft is now in 41762 km x 173 km orbit. pic.twitter.com/4gCcRfmYb4

— ISRO (@isro) July 15, 2023

पांच बार बदली जाएगी कक्षा

बेंगलुरु में इसरो के विज्ञानी चंद्रयान-3 से जुड़े आनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर कर यान को पृथ्वी से दूर विभिन्न कक्षाओं में ले जाएंगे। आनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर करते हुए पांच बार कक्षा बदली जाएगी। पृथ्वी की अलग-अलग कक्षाओं में चक्कर लगाते हुए चंद्रमा की ओर बढ़ेगा। इसके बाद चांद की कक्षा में चक्कर लगाते हुए धीरे-धीरे यान उसकी निकटतम कक्षा में पहुंचेगा और वहां से लैंडर-रोवर चांद की सतह की ओर बढ़ेंगे।

23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा लैंडर

40 दिन के सफर के बाद 23 अगस्त को यान के साथ भेजा गया लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन नायर ने शनिवार को कहा कि यान ने 'बेहद अच्छा' प्रदर्शन किया है। यान को जो भी शुरुआती स्थितियां चाहिए थीं, हमने उन्हें बहुत सटीकता से प्रदान किया है।

सौ प्रतिशत सफल रहा है पहला चरण

पहला चरण सौ प्रतिशत सफल रहा है। शुक्रवार दोपहर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दो बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान-3 रवाना हुआ था। लांचिंग के करीब 17 मिनट बाद फैट ब्वाय के नाम से लोकप्रिय एलवीएम3-एम4 राकेट ने यान को पृथ्वी की कक्षा में छोड़ दिया था। इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि एक अगस्त के बाद यान को चांद की कक्षा की ओर भेजा जाएगा।

chat bot
आपका साथी