अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र ने जम्मू- कश्मीर की सुरक्षा में खर्च किए 9000 करोड़ रुपये, गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी कर बताया

गृह मंत्रालय (एमएचए) भी उपरोक्त सभी एजेंसियों और रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर सुरक्षा स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करता है। सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहु-स्तरीय तैनाती भी शामिल है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 30 Apr 2022 03:41 PM (IST) Updated:Sat, 30 Apr 2022 04:38 PM (IST)
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र ने जम्मू- कश्मीर की सुरक्षा में खर्च किए 9000 करोड़ रुपये, गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट जारी कर बताया
5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को किया गया रद

नई दिल्ली, एएनआइ। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के 28 महीनों में केंद्र ने जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश (UT) में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। इतनी बड़ी राशि केंद्र शासित प्रदेश की विशेष रूप से सुरक्षा पर खर्च की गई है। 5 अगस्त, 2019 को केंद्र शासित प्रदेश की स्थापना के साथ ही अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को रद कर दिया गया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) की हाल ही में जारी वार्षिक रिपोर्ट 2020-2021 में इन तथ्यों का उल्लेख किया गया है कि सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार को सुरक्षा संबंधी (पुलिस) योजना के तहत 9,120.69 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस राशि में 448.04 करोड़ रुपये शामिल हैं, जो 31 दिसंबर, 2020 तक जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद से खर्च किए गए थे। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर के लिए पांच इंडिया रिजर्व (IR) बटालियन, दो बार्डर बटालियन और दो महिला बटालियन बनाने को भी मंजूरी दी है। पांच इंडिया रिजर्व बटालियन के लिए भर्ती पहले ही पूरी हो चुकी है।

एमएचए के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की निगरानी और नियमित रूप से जम्मू-कश्मीर सरकार, सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समीक्षा की जाती है।

गृह मंत्रालय एजेंसियों और रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर कर रहा निगरानी

साथ ही कहा कि गृह मंत्रालय (एमएचए) भी उपरोक्त सभी एजेंसियों और रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर सुरक्षा स्थिति की बारीकी से और लगातार निगरानी करता है। सीमा पार से घुसपैठ को रोकने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहु-स्तरीय तैनाती भी शामिल है। सीमा या नियंत्रण रेखा, सीमा पर बाड़, बेहतर खुफिया और परिचालन समन्वय, सुरक्षा बलों को उन्नत हथियारों से लैस करना और घुसपैठियों के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करना यह सब शामिल है।

पीएम मोदी ने की 80 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा पैकेज की घोषणा

इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज (पीएमडीपी-2015) के तहत तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए 80,068 करोड़ रुपये के विकास पैकेज की घोषणा की है, जिसमें महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 63 प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं में सड़क, बिजली, नई अक्षय ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संसाधन, खेल, शहरी विकास, रक्षा और वस्त्र हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 63 परियोजनाओं में से 54 परियोजनाएं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में 58,627 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ लागू की जा रही हैं। साथ ही कहा गया है कि 20 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं या काफी हद तक पूरी होने वाली हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 30 नवंबर, 2020 तक विभिन्न परियोजनाओं के लिए 32,136 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जिसमें से 30,553 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है।

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