नर्सरी दाखिले पर पूरे देश के लिए नीति पेश करे केंद्र: दिल्ली हाईकोर्ट

न्यायमूर्ति मनमोहन ने नोटिस जारी कर तीनों से अपने जवाब में यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या भूमि आवंटन नीति में उन्हें नेबरहुड (आस पड़ोस) नीति की जानकारी है या नहीं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 20 Jan 2017 01:24 AM (IST) Updated:Fri, 20 Jan 2017 09:45 AM (IST)
नर्सरी दाखिले पर पूरे देश के लिए नीति पेश करे केंद्र: दिल्ली हाईकोर्ट
नर्सरी दाखिले पर पूरे देश के लिए नीति पेश करे केंद्र: दिल्ली हाईकोर्ट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। नर्सरी दाखिले पर दिल्ली सरकार व निजी स्कूलों की रस्साकशी के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय व शहरी विकास मंत्रालय को देशभर के लिए नर्सरी दाखिला नीति पेश करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति मनमोहन ने नोटिस जारी कर तीनों से अपने जवाब में यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या भूमि आवंटन नीति में उन्हें नेबरहुड (आस पड़ोस) नीति की जानकारी है या नहीं। अदालत ने कहा कि क्या उनके पास इस प्रकार की कोई नीति है। मामले की सुनवाई 20 जनवरी को होगी।

7 जनवरी को सरकार ने नर्सरी दाखिलों में प्रबंधन कोटा खत्म करने व आवंटन शर्तो को लेकर अधिसूचना जारी की थी। जिसे निजी स्कूलों, अल्संख्यक स्कूलों व अभिभावकों ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान निजी स्कूलों के वकील ने नेबरहुड नीति को गलत बताया।

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उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वसंत विहार इलाके में ज्यादातर हर बड़े स्कूल की शाखा है। आखिर नेबरहुड नीति के तहत कितने बच्चों को दाखिला मिलेगा। यह नीति उनके मौलिक व संवैधानिक अधिकारों का हनन कर सकती है। इससे पूर्व दो सदस्यीय खंडपीठ ने नर्सरी दाखिला मामले में सुनवाई से इन्कार कर दिया था। खंडपीठ ने कहा था कि मामले में एकल पीठ सुनवाई करने में सक्षम है।

हाई कोर्ट ने नर्सरी दाखिलों में दिल्ली सरकार द्वारा अल्पसंख्यक स्कूलों के लिए दिशा निर्देश तय करने पर सरकार को फटकार लगाई है। वहीं, इस मुद्दे पर उपराज्यपाल की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसटर जनरल संजय जैन ने जारी दिशा निर्देश को उचित ठहराने का प्रयास किया।

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