भारत-पाक सीमा पर ‘स्‍मार्ट फेंसिंग’, ताकि देश में न घुस सकें आतंकी

पाकिस्‍तान के साथ भारत की सीमा देश के चार राज्‍यों से होकर गुजरती है। केंद्र ने सीमा पर आतंकियों को रोकने के लिए बाड़ को जल्‍द से जल्‍द तकनीक से लैस करने को कहा है।

By Monika minalEdited By: Publish:Tue, 27 Sep 2016 09:15 AM (IST) Updated:Tue, 27 Sep 2016 09:42 AM (IST)
भारत-पाक सीमा पर ‘स्‍मार्ट फेंसिंग’, ताकि देश में न घुस सकें आतंकी

नई दिल्ली। सीमा के जरिए पड़ोसी देश से लगातार हो रहे आतंकी घुसपैठ और हाल में कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले को देेखते हुए केंद्र का गंभीर होना लाजिमी है। पाक से सटे भारत की 3,323 किमी तक फैली सीमा पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था पर जोर देते हुए सरकार ने सीमा पर लगे बाड़ों को तकनीक से लैस करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दिया है।

चार राज्यों से गुजरती है 'इंडो-पाक बॉर्डर'

पठानकोट हमले के बाद अप्रैल 2016 में पूर्व केंद्रीय गृह सचिव मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता में गृह मंत्रालय द्वारा कमेटी का गठन हुआ था। l कमेटी ने सीमा पार से आतंक निर्यात को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था में तकनीकी जरूरतों का प्रस्ताव रखा था। जिसपर उड़ी आतंकी हमले के बाद सहमति की मुहर लगायी गयी है। पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा चार राज्यों- जम्मू कश्मीर (1,225किमी, एलओसी समेत), राजस्थान (1,037किमी), पंजाब (553किमी) और गुजरात (508किमी) से गुजरती है।

सीमा पर होगी 'स्मार्ट सुरक्षा सिस्टम'

पैनल ने सीमा पर ग्रिड आधारित सिस्टम का आग्रह किया जिसके तहत आर्मी व बीएसएफ के जवानों की मदद के लिए हाइ-टेक हथियारों की जरूरत बतायी गयी। साथ ही इनकी मदद के लिए सैटेलाइट के साथ खुफिया एजेंसिंयां और चारों राज्यों की पुलिस फोर्स को भी शामिल करने का प्रस्ताव है। जब भी घुसपैठ की सूचना मिले ग्रिड की विशेष टुकड़ी अपनी क्षमता के अनुसार तुरंत प्रतिक्रिया करते हुए दूसरों को अलर्ट कर दे।

जल्द से जल्द लागू हो 'स्मार्ट फेंसिंग'

क्‍या आतंकी घुसपैठ को राेकने में कारगर होगी तकनीकी सुरक्षा व्‍यवस्‍था ? मीटिंग में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ग्रिड आधारित सुरक्षा व्यवस्था जितनी जल्द हो सके लागू करना चाहिए। इस बैठक में गुप्ता, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, इंटेलीजेंस ब्यूरो एंड रिसर्च एंड अनालिसीस विंग के चीफ व गृह सचिव राजीव महर्षि समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

छिपाकर लगाए जाएं रडार

स्मार्ट फेंसिंग के अलावा कमेटी ने पानी के उपयोग, इलेक्ट्रॉनिक के साथ अंडरग्राउंड सेंसर्स व कैमरे से निगरानी आदि की व्यवस्था के बारे में भी सुझाव दिया। इस बैठक में झाड़ियों में छिपाकर रडार लगाने का भी सुझाव दिया गया। प्रस्तावों के साथ सुरक्षाबलों के लिए सड़कों के निर्माण के लिए भी कहा गया। गुप्ता ने यह भी कहा कि बार्डर मैनेजमेंट में इंटलिजेंस की मुख्य भूमिका होती है और इसमें मल्टी एजेंसी सेंटर व सब्सिडियरी मल्टी एजेंसी सेंटर्स भी मदद करते हैं।

स्मार्ट तरीके से तैनात होंं जवान

स्मार्ट फेंसिंग के साथ ही कमेटी ने सुरक्षा बलों की तैनाती पर भी सुझाव दिए हैं। कमेटी ने कहा स्मार्ट फेंसिंग से जवानों की मदद तो होगी ही पर इसके अलावा भी घुसपैठ के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,’जहां 100 जवानों की तैनाती की जरूरत है उन्हें वहां तैनात करें पर जहां दो जवानों में काम चल जाए वहां जवानों की संख्या को कम करने की जरूरत है।‘

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