PIB Fact Check Unit: ऑनलाइन सामग्री की निगरानी करेगी केंद्र की फैक्ट चेक यूनिट, अधिसूचना जारी

केंद्र ने बुधवार को प्रेस सूचना ब्यूरो (PBI) के तहत फैक्ट चेक यूनिट को सरकार की फैक्ट चेक यूनिट के रूप में अधिसूचित किया है। बता दें कि पीआईबी ने भारत सरकार विभिन्न मंत्रालयों विभागों इत्यादि से संबंधित भ्रामक खबरों के मुद्दे से निपटने के लिए एक एफसीयू का गठन किया। बकौल पीआईबी यह इकाई सरकारी नीतियों विनियमों घोषणाओं और उपायों के बारे में दावों का सत्यापन करती है।

By AgencyEdited By: Publish:Wed, 20 Mar 2024 07:33 PM (IST) Updated:Wed, 20 Mar 2024 07:33 PM (IST)
PIB Fact Check Unit: ऑनलाइन सामग्री की निगरानी करेगी केंद्र की फैक्ट चेक यूनिट, अधिसूचना जारी
भ्रामक जानकारियों का होगा पर्दाफाश (फाइल फोटो)

HighLights

  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से कर दिया था इनकार

एजेंसी, नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को सरकार से संबंधित ऑनलाइन सामग्री की सत्यता की निगरानी के लिए फैक्ट चेक यूनिट के गठन की अधिसूचना जारी कर दी। इसका गठन पत्र सूचना कार्यालय (PIB) के तहत किया जाएगा। फैक्ट चेक यूनिट को इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 2021 के आइटी नियमों के तहत अधिसूचित किया गया है।

Centre notifies Fact Check Unit under PIB of Ministry of Information and Broadcasting as the fact check unit of the Central government pic.twitter.com/w2eqNd0k7R— ANI (@ANI) March 20, 2024

अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार अपने किसी भी कामकाज के संबंध में पत्र सूचना कार्यालय के तहत फैक्ट चेक यूनिट को जांच इकाई के रूप में अधिसूचित करती है। यह यूनिट केंद्र सरकार से संबंधित सभी फर्जी खबरों या गलत सूचनाओं से निपटने या सचेत करने के लिए नोडल एजेंसी की तरह काम करेगी।

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केंद्र सरकार ने यह अधिसूचना बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के कुछ दिनों बाद जारी की है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार को इकाई को अधिसूचित करने से रोकने से इनकार कर दिया था। याचिका स्टैंडअप कामेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर से दायर की गई थी।

हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होने की उम्मीद है। केंद्र सरकार द्वारा जारी नियमों के तहत यदि फैक्ट चेक यूनिट को सरकार के कामकाज से संबंधित किसी फर्जी या गलत पोस्ट के बारे में पता चलता है, तो वह इसे सोशल मीडिया कंपनी के संज्ञान में लाएगी। 

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