भारी बारिश के मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग ने की तैयारी, कई राज्यों के लिए बाढ़ परामर्श किया जारी

देश के कई हिस्सों में मानसून सीजन के दौरान भारी बारिश को देखते हुए केंद्रीय जल आयोग ने नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ने की निगरानी करने का सुझाव दिया।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 19 Aug 2020 07:46 AM (IST) Updated:Wed, 19 Aug 2020 07:46 AM (IST)
भारी बारिश के मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग ने की तैयारी, कई राज्यों के लिए बाढ़ परामर्श किया जारी
भारी बारिश के मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग ने की तैयारी, कई राज्यों के लिए बाढ़ परामर्श किया जारी

नई दिल्ली, प्रेट्र। देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून के दौरान भारी बारिश होने के मद्देनजर केंद्रीय जल आयोग ने मंगलवार को कई राज्यों के लिए बाढ़ का परामर्श जारी किया। साथ ही कुछ राज्यों के पर्वतीय जिलों में भूस्खलन होने की भी चेतावनी दी। आयोग ने कहा कि भारी बारिश से कई राज्यों के जलाशयों में जलस्तर बढ़ जाएगा। आयोग ने हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के लिए जारी परामर्श में कहा कि आने वाले दिनों में वहां भारी बारिश होने की संभावना है। साथ ही रावी, व्यास, घग्गर, यमुना, भागीरथी, अलकनंदा, गंगा, रामगंगा, शारदा, सरयू और घाघरा का जल स्तर बढ़ जाएगा।

परामर्श में कहा गया है, कुछ पर्वतीय जिलों में अचानक बाढ़ आने की आशंका है। संभावित भूस्खलन और इसके चलते नदी के जल प्रवाह को बाधित होने से रोकने के लिए एहतियाती उपाय जरूरी हैं। आयोग ने नदियों में पानी का प्रवाह बढ़ने की निगरानी करने का परामर्श दिया है। बिहार, झारखंड और बंगाल के लिए परामर्श में कहा गया है कि बिहार में कई नदियां उफान पर हैं। गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा के लिए कहा गया है कि वहां भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।

ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए कहा गया है कि इन राज्यों में अगले चार-पांच दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। राजस्थान और मध्य प्रदेश के लिए कहा गया है कि चंबल, माही, कालीसिंध, बनास नदियों का जलस्तर भी बढ़ने की संभावना है। मध्य प्रदेश में नर्मदा और मांडला खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।

बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों में घट रहा पानी

बिहार की नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। वहीं खगडि़या में गंगा, कोसी, बूढ़ी गंडक और बागमती खतरे के निशान को पार कर गई। जबकि उत्तर बिहार के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी घटने के बाद भी जलजमाव से परेशानी बनी रही। पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी और समस्तीपुर के निचले क्षेत्रों में जलजमाव का संकट है।

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