CBI ने 91 चिकित्सा परिषदों पर मारे छापे, विदेशी मेडिकल स्नातकों के फर्जी पंजीकरण मामले में की कार्रवाई

गुरुवार को सीबीआई ने फर्जी प्रमाणपत्रों पर चिकित्सा परिषदों द्वारा अयोग्य विदेशी चिकित्सकों के पंजीकरण के संबंध में जांच की। बता दें कि सीबीआई ने देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 91 स्थानों पर तलाशी ली है।

By AgencyEdited By: Publish:Thu, 29 Dec 2022 02:52 PM (IST) Updated:Thu, 29 Dec 2022 02:52 PM (IST)
CBI ने 91 चिकित्सा परिषदों पर मारे छापे, विदेशी मेडिकल स्नातकों के फर्जी पंजीकरण मामले में की कार्रवाई
सीबीआई ने देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 91 स्थानों पर तलाशी ली है।

नई दिल्ली, एएनआई। देश में फर्जी डॉक्टरों को लेकर सीबीआई लगातार एक के बाद एक चौंकाने वाले पर्दाफाश कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को सीबीआई ने फर्जी प्रमाणपत्रों पर चिकित्सा परिषदों द्वारा अयोग्य विदेशी चिकित्सकों के पंजीकरण के संबंध में जांच की। बता दें कि सीबीआई ने देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 91 स्थानों पर तलाशी ली है, जिन्हें अनिवार्य परीक्षा पास किए बिना भारत में अभ्यास करने की अनुमति दी गई थी। अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।

73 फर्जी डॉक्टरों और 14 स्टेट काउंसिल के खिलाफ सीबीआई जांच

आपको बता दें कि सीबीआई ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। इससे पहले एजेंसी ने 14 राज्य चिकित्सा परिषदों और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिन्हें अनिवार्य विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (एफएमजीई) उत्तीर्ण किए बिना भारत में चिकित्सा का अभ्यास करने की अनुमति दी गई थी। अधिकारियों ने बीते सोमवार को बताया था कि मानकों के अनुसार एक विदेशी मेडिकल स्नातक को नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिनेशन की ओर से आयोजित एफएमजीई/स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना अनिवार्य है।

एनबीई उम्मीदवारों के साथ-साथ परिषदों को भेजता है अपने परिणाम

सूत्रों ने कहा कि एनबीई उम्मीदवारों के साथ-साथ परिषदों को अपने परिणाम भेजता है। उन्होंने कहा कि जब इन उम्मीदवारों द्वारा फर्जी योग्यता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए थे, तो मेडिकल काउंसिल एनबीई द्वारा सीधे उन्हें भेजे गए परिणामों से इसे सत्यापित कर सकते थे।

अधिकारियों ने आगे कहा कि सीबीआई ने कथित भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला राज्य चिकित्सा परिषदों के अज्ञात अधिकारियों, तत्कालीन भारतीय चिकित्सा परिषद और 73 विदेशी चिकित्सा स्नातकों के खिलाफ दर्ज किया है।

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