कैग की लोकसभा में पेश रिपोर्ट से खुलासा, सेना को प्रतिबंधित विमान भेदी गोला बारूद भेजा गया

CAG report on Ammunition कैग की लोकसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय सेना को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) से प्रतिबंधित विमान भेदी गोला-बारूद भेजे गए थे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Tue, 11 Feb 2020 07:45 PM (IST) Updated:Tue, 11 Feb 2020 07:46 PM (IST)
कैग की लोकसभा में पेश रिपोर्ट से खुलासा, सेना को प्रतिबंधित विमान भेदी गोला बारूद भेजा गया
कैग की लोकसभा में पेश रिपोर्ट से खुलासा, सेना को प्रतिबंधित विमान भेदी गोला बारूद भेजा गया

नई दिल्ली, पीटीआइ। कैग ने लोकसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय सेना को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) से प्रतिबंधित विमान भेदी गोला-बारूद भेजे गए थे। अगस्त, 2015 की इस घटना का जिक्र करते हुए बताया गया कि इन गोला-बारूद की कीमत 39 करोड़ रुपये थी।

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नवंबर, 2014 में गोपालपुर फायरिंग रेंज में 'के' गोला-बारूद को लेकर एक हादसा हुआ था। तब सेना मुख्यालय ने ओएफबी को कहा था कि वह दिसंबर, 2014 के बाद से इन गोला-बारूद का उत्पादन बंद कर दे। लेकिन यह प्रतिबंध सितंबर, 2015 में ही हटा लिया गया। ऐसा सेना मुख्यालय के सैन्य अफसरों के बोर्ड की विस्फोटकों के संबंध में सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद किया गया। लेकिन सेना मुख्यालय ने ओएफबी को बताया कि वह प्रतिबंधित अवधि में उत्पादित हुए गोला-बारूद को स्वीकार नहीं करेगा।

कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रतिबंधित अवधि में सेना को इन विस्फोटकों की आपूर्ति की गई जबकि सेना मुख्यालय उसकी समीक्षा ही कर रहा था। उस दौरान केंद्रीय आयुध भंडार (सीएडी) पुलगांव को उस गोला-बारूद को स्वीकार नहीं करना चाहिए था। कैग का कहना है कि अगर आपूर्ति हो भी गई थी तो उस गोला-बारूद को यूजर यूनिट में नहीं भेजना चाहिए था। सीएडी पुलगांव को गोला-बारूद मिलने के तीन साल बाद भी उसे बदला नहीं गया है। सेना मुख्यालय ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि उस गोला-बारूद को उपयोग में नहीं लाया जा सकता है।

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