मोदी सरकार का तोहफा, 2 प्रतिशत बढ़ा केंद्रीय कर्मचारियों का डीए

बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी।सरकार के इस फैसले से केंद्र के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा।

By Manish NegiEdited By: Publish:Wed, 07 Mar 2018 08:48 PM (IST) Updated:Thu, 08 Mar 2018 07:19 AM (IST)
मोदी सरकार का तोहफा, 2 प्रतिशत बढ़ा केंद्रीय कर्मचारियों का डीए
मोदी सरकार का तोहफा, 2 प्रतिशत बढ़ा केंद्रीय कर्मचारियों का डीए

नई दिल्ली, प्रेट्र/आइएएनएस। केंद्रीय कैबिनेट ने केंद्र के 1.10 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनरों का महंगाई भत्ता (डीए) पांच प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। बढ़ा हुआ डीए एक जनवरी 2018 से लागू होगा। बुधवार को जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने यह फैसला लिया है। डीए में दो फीसद की बढ़त के इस फैसले से 48.41 लाख केंद्रीय कर्मियों और 61.17 लाख पेंशनरों को फायदा होगा। इससे केंद्र के खजाने पर सालाना 6077.72 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। लेकिन जनवरी 2018 से फरवरी 2019 तक 14 माह के लिए यह बोझ 7090,68 करोड़ रुपये का होगा। यह बढ़ोतरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत की गई है।
मध्यस्थता व समझौता संशोधन बिल मंजूर
भारत को मजबूत वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर) प्रणाली का केंद्र बनाने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने मध्यस्थता और समझौता (संशोधन) विधेयक, 2018 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से विवादों के निपटारे के लिए संस्थागत मध्यस्थता को बढ़ावा मिलेगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। इस बिल की मदद से स्वतंत्र निकाय भारतीय मध्यस्थता परिषद (एसीआइ) के गठन का रास्ता खुलेगा। इसकी मदद से आर्थिक मामलों अदालत में जाए बगैर ही मध्यस्थों की त्वरित नियुक्ति हो सकेगी। यह प्रक्रिया अब की मध्यस्थता के मुकाबले अधिक सरल और सस्ती होगी।

जिलों में वाणिज्यिक अदालतें
केंद्रीय कैबिनेट ने मद्रास, दिल्ली, कलकत्ता, बांबे और हिमाचल हाईकोर्ट के तहत जिला स्तर पर वाणिज्यिक अदालतें स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कमर्शियल कोर्ट के प्रस्तावित बिल के संशोधन से व्यापारिक विवादों के निपटारे की रफ्तार बढ़ेगी। यह फैसला सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत की रैकिंग सुधारने के लिए लिया है। साथ ही व्यापारिक विवाद की मौजूदा सीमा एक करोड़ रुपये से घटाकर तीन लाख रुपये कर दिया गया है।

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