DHFL घोटाले में बिल्डर का अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर जब्त, 34 हजार से ज्यादा करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी का है मामला

जांच एजेंसी इस मामले में 20 जून को डीएचएफएल के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन डायरेक्टर दीपक वधावन और अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है। इन पर डीएचएफएल की फर्जी खाता बही का उपयोग कर 17 बैंकों के एक समूह से धोखाधड़ी करने का आरोप है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sat, 30 Jul 2022 10:21 PM (IST) Updated:Sat, 30 Jul 2022 10:21 PM (IST)
DHFL घोटाले में बिल्डर का अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर जब्त, 34 हजार से ज्यादा करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी का है मामला
सीबीआइ पिछले कुछ दिनों से विभिन्न स्थानों पर कर रही है छापेमारी

नई दिल्ली, एजेंसी। सीबीआइ ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) से जुड़े 34,615 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई की है। उसने पुणे में बिल्डर अविनाश भोसले के घर से एक अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर को जब्त किया है। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी।

अधिकारियों ने कहा है कि 34,615 करोड़ रुपये का घोटाला कर इससे बनाई गई संपत्तियों का पता लगाने के लिए सीबीआइ पिछले कुछ दिनों से विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है।

जांच एजेंसी इस मामले में 20 जून को डीएचएफएल के पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, डायरेक्टर दीपक वधावन और अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है। इन पर डीएचएफएल की फर्जी खाता बही का उपयोग कर 17 बैंकों के एक समूह से धोखाधड़ी करने का आरोप है।

प्राप्त ऋण में हेराफेरी के लिए इन्होंने कई फर्जी कंपनियां बनाई और बैंकों से मिले ऋण की राशि को इन कंपनियों के खातों में डालकर इसका गलत उपयोग किया। इन्होंने इस राशि का उपयोग खुदरा ऋण देने में भी किया। जिसे बांद्रा बुक्स के नाम से जाना जाता है।

आठ अन्य बिल्डरों समेत आरोपितों के 12 ठिकानों पर हुई थी तलाशी

बता दें कि सीबीआइ ने 20 जून को डीएचएफएल व उसके पूर्व सीएमडी कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और अन्य खिलाफ 34,615 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था। 22 जून को एजेंसी ने अमरीली रिएल्टर और आठ अन्य बिल्डरों समेत आरोपितों के मुंबई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी ली थी।

यूनियन बैंक आफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों के संघ की शिकायत पर एजेंसी ने यह कार्रवाई की थी। इन बैंकों ने 2010 और 2018 के बीच डीएचएफएल को 42,871 करोड़ रुपये क्रेडिट सुविधा मिली हुई थी।

बैंकों के मुताबिक मई 2019 के बाद से आरोपितों ने लोन का भुगतान करना बंद कर दिया। कंपनी के खातों की जांच में वित्तीय गड़बडि़यों, फंड को डायवर्ट करने और फर्जी खाताबही बनाने की जानकारी मिली थी।

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