बजट में यूपी : अन्नदाता से मोक्षदायिनी तक की चिंता

नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि प्रधान उत्तर प्रदेश के अन्नदाताओं से लेकर पालनहार मोक्षदायिनी तक अपने सरोकार जताये हैं। यहां के पारंपरिक वस्त्रोद्योग की भी उन्होंने चिंता की है तो सांस्कृतिक विरासत को सहेजने-संवारने की दिशा में भी कदम बढ़ाये हैं। उल

By Edited By: Publish:Fri, 11 Jul 2014 10:58 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jul 2014 11:01 AM (IST)
बजट में यूपी : अन्नदाता से मोक्षदायिनी तक की चिंता

लखनऊ [राजीव दीक्षित]। नरेंद्र मोदी सरकार का पहला बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कृषि प्रधान उत्तर प्रदेश के अन्नदाताओं से लेकर पालनहार मोक्षदायिनी तक अपने सरोकार जताये हैं। यहां के पारंपरिक वस्त्रोद्योग की भी उन्होंने चिंता की है तो सांस्कृतिक विरासत को सहेजने-संवारने की दिशा में भी कदम बढ़ाये हैं।

उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास के तौर पर अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक मास्टर योजना के तहत विकसित करने वाले स्मार्ट शहरों से लेकर लखनऊ में मेट्रो रेल पर भी उन्होंने ध्यान दिया है। नक्सलवाद से प्रभावित जिलों के लिए अतिरिक्त केंद्रीय सहायता का पर्याप्त बंदोबस्त कर सूबे में वामपंथी उग्रवाद का दंश झेल रहे तीन जिलों को राहत दी है।

केंद्रीय बजट में घोषित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना प्रदेश में सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड और पूवरंचल के छोटी जोत के किसानों के लिए मददगार साबित होगी। वहीं नाबार्ड के जरिये भूमिहीन किसानों के समूहों को पांच लाख तक की धनराशि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव खेतिहर जमीन से वंचित कृषकों के लिए बड़ा सहारा होगी। उम्मीद की जा सकती है कृषि ऋण के लिए आठ लाख करोड़ रुपये के प्रावधान का बड़ा हिस्सा उप्र के खाते में आयेगा। पूवरंचल में भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने की सरकार की मंशा इस सर्वाधिक पिछड़े क्षेत्र के लिए बेहद अच्छी खबर है। वाराणसी, लखनऊ और बरेली में टेक्सटाइल मेगा क्लस्टरों की स्थापना वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देने के साथ अन्य राज्यों की ओर सूबे के कामगारों का पलायन रोकने में सहायक सिद्ध होगी। वाराणसी में व्यापार सुविधाकरण केंद्र और शिल्प संग्रहालय की स्थापना अंगुलियों का जादू लगाने वाले इलाके के बुनकरों के लिए सरकार की बड़ी सौगात है।

आदिकाल से सूबे की सभ्यता की जीवनरेखा की भूमिका अदा करती आई गंगा नदी के संरक्षण को भी वित्त मंत्री ने अपनी प्राथमिकताओं में रखा है। समेकित गंगा संरक्षण मिशन के लिए 2037 करोड़ रुपये के आवंटन से उप्र का लाभान्वित होना तय है। वहीं गंगा के संरक्षण के लिए अनिवासी भारतीय निधि का गठन कर सात समुंदर पार बसे भारतीयों को भी इस मुहिम में आत्मसात करने का सार्थक प्रयास है। कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में घाटों के विकास और सुंदरीकरण गंगा के किनारे बसे इन तीन शहरों की खूबसूरती में चार चांद लगायेगा। सारनाथ-गया-वाराणसी बौद्ध सर्किट ने बुद्ध की जन्मस्थली और कर्मभूमि में पर्यटन को प्रोत्साहन की नई उम्मीद जगायी है तो राष्ट्रीय विरासत शहर विकास और आवर्धन योजना (हृदय) के तहत कान्हा की नगरी मथुरा की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने में मदद मिलेगी। राज्यों के पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए बजट में 3000 करोड़ रुपये का इंतजाम कर चौपट कानून व्यवस्था का दंश झेल रहे उत्तर प्रदेश के लिए भी उम्मीद जगाई है।

पढ़ें: उत्तर प्रदेश की 40 फीसद अबादी गरीब

chat bot
आपका साथी