बीएसईएस कर रही कांग्रेस का प्रचार

बिजली कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड की ओर से लोगों को बांटे जा रहे बिलों के माध्यम से शीला सरकार के कार्यो का बखान किया जा रहा है। इसे लेकर भाजपा नेता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है।

By Edited By: Publish:Mon, 28 Oct 2013 02:43 PM (IST) Updated:Mon, 28 Oct 2013 03:04 PM (IST)
बीएसईएस कर रही कांग्रेस का प्रचार

पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता। बिजली कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड की ओर से लोगों को बांटे जा रहे बिलों के माध्यम से शीला सरकार के कार्यो का बखान किया जा रहा है। इसे लेकर भाजपा नेता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है।

पढ़ें:चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं को नोटिस

शिकायत में कहा गया है कि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद इस तरह से सरकार का प्रचार करना आचार संहिता के उल्लंधन का मामला है। बीएसईएस ने इस माह उपभोक्ताओं को बिजली के जो बिल भेजे हैं, उनके पीछे के पन्ने पर बिजली कंपनी ने खबरें दी हैं। इसमें बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड [बीवाईपीएल] से संबंधित खबरें हैं। इन्हीं खबरों के बीच में फोटो के साथ दो खबरें प्रकाशित की गई हैं जिनमें एक में मयूर विहार फेस तीन में वीवाईपीएल के 51 वें ग्रिड के उद्घाटन के मौके की तस्वीर है। इसमें मुख्यमंत्री शीला दीक्षित व हारुन यूसुफ सहित बीवाईपीएल के अधिकारी दिख रहे हैं।

इसके अलावा दूसरी खबर में वीवाईपीएल द्वारा मंडोली में बनाए जाने वाले 54 वें ग्रिड के शिलान्यास की खबर व फोटो है। इस फोटो में ऊर्जा मंत्री हारुन यूसुफ और स्थानीय विधायक वीर सिंह धिंगान सहित अन्य की तस्वीर है। ऐसे बिलों की देय तिथि 29 और 30 अक्टूबर है।

राज्य चुनाव आयोग में शिकायत करने वाले गांधी नगर के भाजपा नेता कमल जैन का कहना है कि बिजली के ये बिल चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद लोगों के घरों में वितरित किए जा रहे हैं। चुनाव आचार संहिता 4 अक्टूबर को लागू हो गई थी और यह बिल उसके बाद जारी किए गए हैं। इसके माध्यम से सरकार प्रचार कर रही है। यह सत्ता का दुरुपयोग है। यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंधन है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय देव को दी गई शिकायत में उन्होंने बिल की मूल प्रति भी दी है। आयोग की ओर से मामले की जांच का आश्वासन दिया गया है।

बीएसईएस के प्रवक्ता से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिस बिल पर बीवाइपीएल के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शीला दीक्षित व ऊर्जा मंत्री हारून यूसुफ समेत अन्य नेताओं की फोटो है। वह बिल संभवत: चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले के हों। अब जो बिल उपभोक्ताओं के पास भेजे जा रहे हैं, उनमें फोटो नहीं हैं।

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