ब्रिटिश प्रसारक एटनबरो इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित, प्रकृति के क्षेत्र में किया सराहनीय काम

डेविड एटनबरो मशहूर अभिनेता रिचर्ड एटनबरो के भाई हैं जिन्होंने महात्मा गांधी पर बनी फिल्म गांधी में गांधी जी की भूमिका निभाई थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Tue, 08 Sep 2020 06:15 AM (IST) Updated:Tue, 08 Sep 2020 06:15 AM (IST)
ब्रिटिश प्रसारक एटनबरो इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित, प्रकृति के क्षेत्र में किया सराहनीय काम
ब्रिटिश प्रसारक एटनबरो इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित, प्रकृति के क्षेत्र में किया सराहनीय काम

नई दिल्ली, प्रेट्र। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को जानेमाने ब्रिटिश प्रसारक और प्रकृतिवादी डेविड एटनबरो को प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया। इंदिरा गांधी स्मारक न्यास की ओर से आयोजित डिजिटल कार्यक्रम में एटनबरो को इस पुरस्कार से नवाजा गया।

इस कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल भी मौजूद रहे। डेविड एटनबरो मशहूर अभिनेता रिचर्ड एटनबरो के भाई हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी पर बनी फिल्म 'गांधी' में गांधी जी की भूमिका निभाई थी।

1986 में हुई थी इस पुरस्कार की स्थापना

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में शांति, समाज सेवा, निरस्त्रीकरण और विकास के क्षेत्र में काम करने के लिए यह पुरस्कार दिया जाता है। इसकी स्थापना 1986 में हुई थी। पुरस्कार के रूप में 25 लाख रुपये नकद और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में हुआ था चयन

पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले अंतरराष्ट्रीय निर्णायक मंडल ने शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार के सम्मान हेतु सर एटनबरो का चयन किया था। हाल ही में मुखर्जी का निधन हो गया। इंदिरा गांधी स्मारक न्यास के अनुसार, प्रकृति जगत के लिए कार्यों के चलते एटनबरो को यह पुरस्कार दिया गया है। इस पुरस्कार के तहत 25 लाख रुपये की नकद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। एटनबरो लंबे समय से बीबीसी के साथ जुड़े हैं और उन्हें नाइटहुड सहित कई सम्मान मिले हैं। 

इस कार्यक्रम में मनमोहन सिंह ने कहा कि यूपीए सरकार ने विकास और परिस्थितिकी के बीच संतुलन बनाते हुए काम किया था। सरकार आर्थिक विकास को लेकर बहुत ही सतर्क थी। इस दौरान लोगों के जीवन स्तर को सुधारने पर भी काम किया गया। उस समय भारत ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की और इसका असर भी दिखा।

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