पाक से सभी संबंध तोड़े भारत : विहिप

सुनील राणा, नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कसाब की फांसी पर अपनी मुहर लगा दी है। भारत सरकार तुरंत प्रभाव से कसाब को फांसी पर लटकाए। उन्होंने सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे मुंबई के अधिवक्ता उज्ज्वल निकम, गोपाल सुब्रमण्यम व मुंबई पुलिस की सराहना करते

By Edited By: Publish:Wed, 29 Aug 2012 03:19 PM (IST) Updated:Wed, 29 Aug 2012 05:05 PM (IST)
पाक से सभी संबंध तोड़े भारत : विहिप

सुनील राणा, नई दिल्ली : कसाब की फांसी पर शीर्ष अदालत द्वारा मुहर लगा देने के बाद विश्व हिन्दू परिषद ने भी अपने तेवर तल्ख कर लिए हैं। विश्व हिन्दू परिषद ने तो सीधे-सीधे पाकिस्तान के खिलाफ अपना मोर्चा खोलते हुए जहां कसाब व अफजल गुरु को बिना समय गंवाए फांसी पर लटकाने की वकालत की है वहीं नसीहत देते हुए कहा है कि भारत सरकार को भी अमेरिका के पदचिन्हों पर चलते हुए पाकिस्तान पर हमला बोलना चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि जिस तरह से 9/11 हमले को लेकर अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला बोला था उसी राह पर चलते हुए भारत को भी पाकिस्तान पर हमला बोलना चाहिए। भारत को पाकिस्तान के साथ अपने व्यापारिक-राजनयिक इत्यादि सभी संबंध तोड़ देने चाहिए। विहिप ने कहा है कि अब तो जुंदाल ने भी अपनी जुबान से बोल कर यह साबित कर दिया है कि भारत में आतंक के लिए जेहादियों को पाकिस्तान मदद कर रहा है। सरकार को चाहिए वह देश में चल रहे उन मदरसों को भी तुरंत प्रभाव से बंद करवाए जिनमें जेहाद का पाठ पढ़ाया जा रहा है।

विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कसाब की फांसी पर अपनी मुहर लगा दी है अब देरी किस बात की। मुंबई हमले के मामले की पैरवी कर रहे मुंबई के अधिवक्ता उज्जवल निकम, गोपाल सुब्रह्मण्यम व मुंबई पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि सभी ने मुंबई पर हुए जेहादी हमले को कानूनी रूप से बहुत ही संजीदा तरीके से पेश किया और उसी का नतीजा है कि निचली कोर्ट से लेकर शीर्ष न्यायालय तक सभी ने कसाब की फांसी को बरकरार रखा। उन्होंने कहा जिस महत्व के साथ वकीलों ने केस लड़ा अब उससे भी महत्वपूर्ण कसाब को शीघ्र फांसी देना है। विश्व हिन्दू परिषद ने जारी अपने बयान में कहा है कि भारत की सुरक्षा के मद्देनजर यह जरूरी है कि अफजल व कसाब जैसे जेहादी आतंकी जो कि भारत की जेलों में बैठकर उदारवादी न्यायिक प्रक्रिया व प्रजातांत्रिक प्रक्रिया का सहारा लेकर अपनी सजा को आगे बढ़वा रहे को तुरंत प्रभाव से उनके अंजाम पर पहुंचा देना चाहिए। उन्होंने कहा है कि जेहादियों ने जिस तरह से आतंकियों को छुड़वाने के लिए कंधार में विमान का अपहरण का सहारा लिया था, ऐसी ही किसी गतिविधि को वे फिर से अंजाम दे सकते हैं। इसलिए ऐसे लोग जो कि पाकिस्तान में बैठकर पाकिस्तान की छत्रछाया में भारत के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं को किसी भी सूरत में उदारवादी प्रजातंत्र व न्यायिक व्यवस्था का लाभ नहीं देना चाहिए अब तो शीर्ष अदालत ने ही फांसी की सजा पर अपनी मुहर लगा दी है।

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