नक्सलियों की अब खैर नहीं, झपटने को तैयार हो रहे 'ब्लैक पैंथर'

नक्सलियों के अब बचने के सभी रास्ते बंद होते जा रहे हैं। उन पर अब 'काले चीते' भी झपटने को तैयार हो रहे हैं।

By Arti YadavEdited By: Publish:Tue, 22 May 2018 09:49 AM (IST) Updated:Tue, 22 May 2018 09:49 AM (IST)
नक्सलियों की अब खैर नहीं, झपटने को तैयार हो रहे 'ब्लैक पैंथर'
नक्सलियों की अब खैर नहीं, झपटने को तैयार हो रहे 'ब्लैक पैंथर'

रायपुर (संजीत कुमार)। सुरक्षाबलों के दबाव के कारण छत्तीसगढ़ में बैकफुट पर आए नक्सलियों के अब बचने के सभी रास्ते बंद होते जा रहे हैं। उन पर अब 'काले चीते' भी झपटने को तैयार हो रहे हैं। राज्य पुलिस के इस विशेष दस्ते (ब्लैक पैंथर) के लिए 200 जवानों का चयन किया गया है। इन्हें आंध्रप्रदेश के विशेष कमांडो दस्ते ग्रे हाउंड की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। कांकेर स्थित जंगल वॉर फेयर कॉलेज में इनकी ट्रेनिंग चल रही हैं। इसमें ग्रे हाउंड के प्रशिक्षकों की भी मदद ली जा रही है। इनकी दो महीने की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है।

राजनाथ ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने तेलंगाना के ग्रे हाउंड की तर्ज पर एक अलग बल तैयार करने का फैसला किया है जिसका नाम काले चीते है। काले चीते का दो महीने से प्रशिक्षण का भी काम चल रहा है। यह जाहिर करता है कि यहां के बल में इन माओवादियों को छत्तीसगढ़ की धरती से उखाड़ फेंकने का और उन्हें समाप्त करने का कितना बड़ा जज्बा है।

निरीक्षक से सिपाही तक
ब्लैक पैंथर दस्ते के लिए जिन 200 जवानों का चयन किया गया है, उनमें निरीक्षक रैंक अफसरों से लेकर सिपाही तक शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर के पास नक्सल क्षेत्रों में काम करने का लंबा अनुभव है।

सीधे स्पेशल डीजी को करेंगे रिपोर्ट
पुलिस सूत्रों के अनुसार ब्लैक पैंथर के ऑपरेशन की प्लानिंग और मॉनीटरिंग सीधे पुलिस मुख्यालय से होगी। पैंथर्स सीधे स्पेशल डीजी नक्सल ऑपरेशन को रिपोर्ट करेंगे।

यह है ग्रे हाउंड
अविभाजित आंध्रप्रदेश में 1989 में ग्रे हाउंड फोर्स का गठन किया गया। इस दौर में वहां नक्सलवाद चरम पर था। ग्रे हाउंड गठन के थोड़े ही समय बाद ही नक्सलियों में खौफ का पर्याय बन गया। इन्हें घने जंगलों में ऑपरेशन चलाने और नक्सलियों की छापामार लड़ाई से मुकाबले की विशेष ट्रेनिंग दी गई है। ग्रे हाउंड के जवान उन रास्तों की पहचान करते हैं, जहां नक्सलियों की आवाजाही की संभावना होती है। फिर एक ही जगह पर एंबुश लगाकर कई दिनों तक दिनरात दुश्मन का इंतजार करते हैं। इनकी सफलता इसी में छुपी है। इसी तर्ज पर यह दस्ता भी काम करेगा।

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