संसद में उठी जस्टिस गांगुली को हटाने की आवाज

नई दिल्ली [जाब्यू]। प्रशिक्षु वकील [इंटर्न] के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे जस्टिस एके गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मुहिम थमने का नाम नहीं ले रही है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यह मुद्दा उठाते हुए गांगुली को तत्काल पद से हटाने की मांग की। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंद्रा जयसिंह ने भी

By Edited By: Publish:Fri, 13 Dec 2013 10:28 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2013 10:29 PM (IST)
संसद में उठी जस्टिस गांगुली को हटाने की आवाज

नई दिल्ली [जाब्यू]। प्रशिक्षु वकील [इंटर्न] के यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे जस्टिस एके गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मुहिम थमने का नाम नहीं ले रही है। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने यह मुद्दा उठाते हुए गांगुली को तत्काल पद से हटाने की मांग की। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंद्रा जयसिंह ने भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर यही मांग की है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही राष्ट्रपति को पत्र लिखकर गांगुली को हटाने की मांग कर चुकी हैं।

शोर शराबे के कारण लगातार स्थगित होते लोकसभा की कार्यवाही के बीच सुषमा स्वराज ने जस्टिस एके गांगुली का मुद्दा उठाया। सुषमा ने कहा कि जस्टिस गांगुली का कृत्य कतई माफी योग्य नहीं है। उन्हें नैतिकता के आधार पर खुद ही पद से इस्तीफा दे देना चाहिए था लेकिन गांगुली ने ऐसा करने से इन्कार कर दिया है। जाहिर अब सरकार को गांगुली को हटाने के लिए जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए। सदन में तृणमूल कांग्रेस के सांसद तत्काल सुषमा के समर्थन में आ गए। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि ऐसे कृत्य के बाद किसी व्यक्ति को उच्च पद पर बने रहने देना नहीं चाहिए।

पढ़ें : चौतरफा घिरे जस्टिस एके गांगुली

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंद्रा जयसिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर गांगुली को पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की। उनके अनुसार, इसके लिए सरकार संदर्भ के तौर राष्ट्रपति के पास सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की जांच कमेटी की रिपोर्ट भेज सकती है। रिपोर्ट में गांगुली को प्रथम दृष्टया दिल्ली के एक होटल में इंटर्न के साथ आपत्तिजनक व्यवहार करने का दोषी ठहराया गया है। इसके लिए उन्होंने मानवाधिकार संरक्षण कानून 1993 का हवाला दिया, जिसमें किसी तरह का दुष्कृत्य साबित होने की स्थिति में राष्ट्रपति द्वारा मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष या सदस्य को हटाने का प्रावधान है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

chat bot
आपका साथी