'खून की दलाली' वाले बयान पर BJP का पलटवार, कहा-हताश हो चुके हैं राहुल

पीएम मोदी को जवानों के खून का दलाल बताने के बाद अब राहुल गांधी ने कहा है कि उन्‍हें अपनी फौज पर पूरा भरोसा है। उन्‍होंने यह भी कहा कि सेना की कामयाबी पर राजनीति करना उन्‍हें मंजूर नहींं है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Thu, 06 Oct 2016 07:13 PM (IST) Updated:Fri, 07 Oct 2016 01:52 PM (IST)
'खून की दलाली' वाले बयान पर BJP का पलटवार, कहा-हताश हो चुके हैं राहुल

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। सर्जिकल स्ट्राइक पर दिए बयान की आलोचना से घिरे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अब कहा है कि उन्हें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है। उन्होंने कहा कि वह सेना को राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल किए जाने और उनके पोस्टरों का इस्तेमाल कर राजनीति करने से खफा है। उन्हें यह मंजूर नहीं है। गौरबलत है कि कल ही राहुुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को जवानों के खून का दलाल कह डाला था। इसके बाद उनकी कई नेताओं ने खुलेतौर पर आलोचना की है।

उनके इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने जिस अंदाज में पीएम मोदी पर हमला किया है,वो निंदनीय है। सर्जिकल स्ट्राइक पर पूरा देश पीएम के साथ है। लेकिन कांग्रेस को ये सब अच्छा नहीं लग रहा है। कांग्रेस उपाध्यक्ष हताशा छिपाने के लिए सतही और निचले स्तर की बात कर रहे हैं।

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— Dainik Jagran (@JagranNews) October 7, 2016

वहीं दूसरी ओर भाजपा सांसद सुबह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि राहुल गांधी ने या तो शिक्षा ग्रहण नहीं की है या फिर वह दिमागी रूप से बीमार व्यक्ति हैं जिन्हें ईलाज की सख्त जरूरत है, उनका ईलाज कराया जाना चाहिए।

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राहुल गांधी ने कल किसान यात्रा के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था। राहुल ने मोदी पर गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाते हुए कहा, 'पीएम सेना के जवानों के खून की दलाली कर रहे हैं।'

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री का रुख देश के साथ इंसाफ नहीं है। राहुल के इस बेहद तीखे वार के बाद सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर सरकार और विपक्ष का राजनीतिक घमासान साफ तौर पर सामने आ गया है। राहुल गांधी ने देवरिया से दिल्ली तक की अपनी किसान यात्रा के समापन पर संसद मार्ग पर आयोजन को पीएम पर बेहद तीखे प्रहार के लिए चुना।

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राहुल ने जिस अंदाज में सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को राजनीतिक रॉकेट की तरह सरकार पर दागा, उससे साफ है कि गुलाम कश्मीर (पीओके) में हुई सैन्य कार्रवाई का मोदी और भाजपा को उत्तर प्रदेश चुनाव में सियासी फायदा होना तय है। इसको लेकर कांग्रेस काफी सशंकित है। इसीलिए एक महीने की किसान यात्रा के दौरान केंद्र सरकार के अधूरे वायदों पर वार करते-करते वे सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर मोदी पर जबरदस्त प्रहार कर बैठे।

जवानों के खून के पीछे आप छिपे हो :

राहुल राहुल ने कहा, 'जो हमारे जवान हैं, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपना खून दिया है, जिन्होंने हिंदुस्तान के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किए हैं, उनके खून के पीछे आप (पीएम) छुपे हैं, उनकी आप दलाली कर रहे हो, ये बिल्कुल गलत है। हिंदुस्तान की सेना ने हिंदुस्तान का काम किया है। आप अपना काम कीजिए, आप किसान की मदद कीजिए, आप हिंदुस्तान की सेना को सातवें पे कमीशन में पैसा बढ़ा कर दीजिए, ये आपका काम है।'

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13 मिनट के भाषण में नया राजनीतिक अखाड़ा :-

मोदी पर इस सियासी हमले के साथ राहुल का 13 मिनट का भाषण भी समाप्त हो गया। इसने सर्जिकल स्ट्राइक पर नया राजनीतिक अखाड़ा खुल गया है। उन्होंने पीएम मोदी, आरएसएस और भाजपा पर जाति और धर्म के आधार पर लोगों के बीच लड़ाई कराने का आरोप भी लगाया। साथ ही कहा कि कांग्रेस ने 70 सालों में लोगों के साथ जो इंसाफ किया था, इंसाफ के उस तराजू को मौजूदा सरकार ने उठाकर फेंक दिया है।

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सोनिया के बयान की याद दिलायी :-

सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री मोदी पर राहुल का यह सियासी हमला कुछ उसी अंदाज में हुआ है जैसा गुजरात के 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान सोनिया गांधी ने उन्हें 'मौत का सौदागर' कहा था। जवानों के खून की दलाली के राहुल के इस बयान को स्वाभाविक रूप से भाजपा ने तत्काल थामते हुए कांग्रेस पर जवाबी गोले दागने की शुरुआत भी कर दी।

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देवरिया से दिल्ली 30 दिन का अनुभव :

वैसे सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा उठाने से पहले राहुल गांधी ने अपनी 30 दिन की देवरिया से दिल्ली की साढ़े तीन हजार किलोमीटर की यात्रा के अनुभवों के साथ सरकार और प्रधानमंत्री को घेरने के लिए ज्वलंत मुद्दों को चुना। किसानों की बदहाली और आत्महत्या पर कर्ज माफी की मांग उठाई। एमएसपी बढ़ाने का वादा पूरा नहीं होने, विदेश से काला धन नहीं आने, कंपनियों को दिए बैंकों के डूबे कर्ज को माफ करने, युवाओं को दो करोड़ नौकरी हर साल देने के हकीकत में तब्दील नहीं होने जैसे मुद्दों को प्रभावी तरीके से उठाया। प्रधानमंत्री से वायदों पर अमल और मुद्दों पर इंसाफ की मांग की। मगर सर्जिकल स्ट्राइक पर उनके तल्ख बयानों की सनसनी में उनके ये सारे मसले दब गए।

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