विधानसभा चुनावों के जरिये लोकसभा की तैयारी में जुटी भाजपा

नई दिल्ली [जाब्यू]। लोकसभा चुनाव में भले ही डेढ़ साल बचे हों लेकिन भाजपा इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों के जरिये बड़ी लड़ाई की तैयारी में जुट गई है। दरअसल जिन नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां लोकसभा की एक चौथाई सीटें हैं। वहीं समय पूर्व लोकसभा चुनाव की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता है।

By Edited By: Publish:Thu, 03 Jan 2013 08:18 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jan 2013 09:47 PM (IST)
विधानसभा चुनावों के जरिये लोकसभा की तैयारी में जुटी भाजपा

नई दिल्ली [जाब्यू]। लोकसभा चुनाव में भले ही डेढ़ साल बचे हों लेकिन भाजपा इसी साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों के जरिये बड़ी लड़ाई की तैयारी में जुट गई है। दरअसल जिन नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां लोकसभा की एक चौथाई सीटें हैं। वहीं समय पूर्व लोकसभा चुनाव की आशंका को भी नकारा नहीं जा सकता है।

भाजपा ने कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली समेत उत्तर पूर्व के चार राज्यों में होने वाले चुनाव पर चर्चा शुरू कर दी है। बुधवार को पार्टी उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने एक बैठक की। उन्होंने बताया कि जल्द ही चुनावी राज्यों में जाकर मुद्दों और रणनीति पर व्यापक चर्चा होगी। बैठक हालांकि शुरुआती थी, लेकिन पार्टी लोकसभा चुनाव के लिहाज से तैयारी करेगी। फरवरी और अप्रैल में चुनाव में जाने वाले राज्यों में व्यापक राजग की भी तैयारी होगी। मसलन, कर्नाटक में येद्दयुरप्पा या फिर जद-एस को साधने की कोशिश होगी। पिछली बार कर्नाटक में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले एक फीसद कम वोट मिला था। लेकिन फिर भी तीस सीट आगे थी। गठबंधन के सहारे फिर से भाजपा बाजी मारने की कोशिश करेगी। भाजपा की कोशिश है कि राज्य में दोबारा सत्ता न भी मिले तो भी लोकसभा में गठबंधन के साथ वह अपना वर्तमान आंकड़ा बरकरार रखने या बढ़ाने में कामयाब हो। राष्ट्रपति चुनाव में पीए संगमा का साथ देने के बाद हो सकता है कि मेघालय में वह भाजपा का साथ दें।

नजर 2013 के उत्तरा‌र्द्ध पर है, जब भाजपा शासित दो राज्यों- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तथा कांग्रेस शासित दिल्ली और राजस्थान में चुनाव होंगे। सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली के बाबत है, जहां भाजपा कोई सक्षम और मान्य चेहरा नहीं ढूंढ़ पा रही है। कोशिश होगी कि ऐसा चेहरा सामने लाया जाए जो विधानसभा ही नहीं, लोकसभा में भी पार्टी को आक्सीजन दे सके। झारखंड की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए भाजपा आशंकित है कि वहां भी जल्द ही चुनाव हो सकते हैं। इससे भी पूरी तरह इन्कार नहीं किया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव समय पूर्व हों। इसे देखते हुए जब राज्यों में बैठक शुरू होगी तो लोकसभा के लिहाज से भी मुद्दे तलाशे जाएंगे।

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