चुनाव पूर्व सर्वे ने बढ़ाया भाजपा का उत्साह

चुनाव पूर्व सर्वे में बढ़त ने जहां भाजपा का उत्साह बढ़ा दिया है वहीं कई दलों के नेताओं में भागमभाग की आशंका गहरा गई है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों में दूसरे दलों के सांसदों और विधायकों ने भाजपा से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। हालांकि, पार्टी सिर्फ वैसे नेताओं को ही टिकट का आश्वासन देगी जो तय फार्मूले प

By Edited By: Publish:Sun, 26 Jan 2014 10:02 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jan 2014 07:25 AM (IST)
चुनाव पूर्व सर्वे ने बढ़ाया भाजपा का उत्साह

नई दिल्ली। चुनाव पूर्व सर्वे में बढ़त ने जहां भाजपा का उत्साह बढ़ा दिया है वहीं कई दलों के नेताओं में भागमभाग की आशंका गहरा गई है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे राज्यों में दूसरे दलों के सांसदों और विधायकों ने भाजपा से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। हालांकि, पार्टी सिर्फ वैसे नेताओं को ही टिकट का आश्वासन देगी जो तय फार्मूले पर फिट होते हों।

चुनाव और नतीजे तो अभी दूर हैं लेकिन भाजपा ने गोटी बिठानी शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि दूसरे दलों के कई नेताओं ने संपर्क साधकर भाजपा से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। खासकर उत्तर प्रदेश में ऐसे नेताओं की बड़ी कतार है लेकिन विधानसभा चुनाव की तरह इस बार पार्टी कोई जल्दबाजी कर बाबूलाल कुशवाहा जैसे लोगों को शामिल करना नहीं चाहती है। जातिगत समीकरण का ध्यान तो रखा जाएगा, लेकिन दूसरे मानदंडों पर खरा उतरने के बाद ही टिकट का आश्वासन दिया जाएगा। बिहार और झारखंड में भी यही फार्मूला होगा।

बहरहाल, सर्वे ने चुनाव पूर्व राजग गठबंधन का दायरा बढ़ाने का आधार दे दिया है। पार्टी की रणनीति है कि खुद के लिए कमजोर राज्यों में गठबंधन तो करे लेकिन बड़े दलों से नहीं बल्कि छोटे छोटे दलों से ताकि कमजोर राज्यों में भी पार्टी को अपना आधार बनाने का मौका मिले। पार्टी नेताओं का मानना है कि 2014 का चुनाव ऐसा अवसर है जिसमें हर राज्य में अपनी मौजूदगी बनाई जा सकती है।

पार्टी पहले ही कह चुकी है कि गठबंधन बनाने से पहले खुद को मजबूत करना होगा। इसीलिए 272 प्लस का लक्ष्य रखा गया है। सर्वे में दिख रही बढ़त ने रास्ता और आसान कर दिया है। गौरतलब है कि झारखंड में पार्टी अपने पुराने नेता बाबूलाल मरांडी पर भी नजर रख रही थी। हालांकि, उन्होंने जदयू से दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया है लेकिन भाजपा नेताओं का मानना है कि चुनाव आते -आते अलग-अलग राज्यों में ऐसे कई दल भाजपा के साथ आ सकते हैं।

राजग का कुनबा बढ़ाने को सर्वेक्षणों का सहारा

पार्टी नेताओं का कहना है कि खासकर उत्तर पूर्व और दक्षिण में ऐसे दलों को टटोला जा रहा है। कहीं औपचारिक दोस्ती तो कहीं तालमेल के जरिये भाजपा 272 की सीमा पार करने के प्रयास में जुट गई है।

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