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    राजग का कुनबा बढ़ाने को सर्वेक्षणों का सहारा

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    Updated: Sat, 25 Jan 2014 07:39 AM (IST)

    हालिया सर्वेक्षणों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बढ़त के मजबूत संकेतों के साथ ही पार्टी ने चुनाव बाद गठबंधन के प्रयासों की हवा बनानी अभी से शुरू कर दी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सर्वेक्षणों में भाजपा को मिल रहे वोटों के मुकाबले प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को मिल रहे ज्यादा समर्थन क

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हालिया सर्वेक्षणों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बढ़त के मजबूत संकेतों के साथ ही पार्टी ने चुनाव बाद गठबंधन के प्रयासों की हवा बनानी अभी से शुरू कर दी है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सर्वेक्षणों में भाजपा को मिल रहे वोटों के मुकाबले प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को मिल रहे ज्यादा समर्थन को भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के विस्तार का आधार बताया। वहीं, कांग्रेस ने इन सर्वेक्षणों को खारिज कर दिया और कहा कि नतीजों का इंतजार करिए।

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    जेटली ने 2014 के लोकसभा चुनावों पर दो विभिन्न एजेंसियों के सर्वेक्षणों पर लंबा आलेख लिख नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वृहत्तर राजग की सरकार बनने को अवश्यांभावी करार दे दिया। वह मानते हैं कि सर्वेक्षण काफी हद तक विश्वसनीय हैं, लेकिन इनसे अभी केवल जनता के मूड का रुख भांपा जा सकता है। ये सर्वेक्षण इतना संकेत कर रहे हैं कि भाजपा सबसे आगे है। लोकसभा चुनाव में अधिकतम मिली 183 सीटों से भी ज्यादा का अनुमान आ रहा है। भाजपा के सहयोगी शिवसेना और अकाली दल भी बेहतर करते दिख रहे हैं। कांग्रेस अपने इतिहास में सबसे निचले स्तर यानी दहाई के आंकड़े में जाती दिख रही है। करीब 10 राजनीतिक दलों को पांच से 25 सीटें मिलेंगी। दरअसल, सर्वेक्षणों में गैर-संप्रग और गैर-राजग दलों को इनकी तुलना में ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है। जेटली ने लिखा कि जाहिर तौर पर ये सब दल आपस में मिलकर तो सरकार बना नहीं सकते। मसलन सपा-बसपा, द्रमुक-अन्नाद्रमुक और वामदल-तृणमूल एक साथ हो नहीं सकते।

    जेटली ने गैर-कांग्रेसी केंद्र के रूप में भाजपा को पेश करते हुए फिलहाल किसी मोर्चे में शामिल नहीं दलों तेदेपा, वाइएसआर कांग्रेस, तृणमूल, बीजद को संदेश दिया कि उंन्हें सीटें कांग्रेस के खिलाफ मिलेंगी। साथ ही भाजपा का तमिलनाडु और उड़ीसा में वोट प्रतिशत बढ़ रहा है। वहीं, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में भाजपा दो अंकों तक जाती दिख रही है। उत्तर, मध्य और पश्चिम भारत में भी भाजपा का मत प्रतिशत बहुत बढ़ रहा है। सबसे अहम है कि भाजपा की तुलना में मोदी की प्रधानमंत्री पद पर स्वीकार्यता 15-20 फीसद ज्यादा है। जाहिर है कि गैर-कांग्रेसी वोटों को एकजुट करने में मोदी अहम फैक्टर हैं। तमिलनाडु में जयललिता और ओडिशा में नवीन पटनायक को भाजपा के बढ़े मत प्रतिशत का हवाला देकर भी जेटली ने चुनाव बाद गठबंधन के लिए अभी से संकेत दे दिए हैं।

    वहीं, महिला कांग्रेस अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि इन सर्वेक्षणों पर यकीन मत करिए। इंडिया शाइंिनंग से भाजपा बहुत खुश थी, लेकिन नतीजा क्या हुआ आपके सामने है। इसलिए इंतजार करिए।

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