DATA STORY: पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार बढ़ गई है दागी उम्मीदवारों की संख्या

2015 के मुकाबले बीजेपी के 9 फीसदी अधिक प्रत्याशियों आरजेडी के 10 प्रतिशत अधिक उम्मीदवारों कांग्रेस के आठ फीसदी एलजेपी के दो फीसदी और बीएसपी के 8 प्रतिशत अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। सिर्फ जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले कम हुए हैं।

By Vineet SharanEdited By: Publish:Tue, 03 Nov 2020 08:53 AM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 05:47 PM (IST)
DATA STORY: पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार बढ़ गई है दागी उम्मीदवारों की संख्या
यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में हुआ है।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/पीयूष अग्रवाल। बिहार विधानसभा चुनावों 2020 में लड़ रहे 32 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2015 के चुनाव के मुकाबले उम्मीदवारों पर दो फीसदी आपराधिक मामले बढ़ गए हैं। वहीं, 25 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2015 में हुए विस चुनाव में 23 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे। बीते साल के मुकाबले गंभीर आपराधिक मामलों में भी दो फीसदी का इजाफा हुआ है। यह खुलासा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में हुआ है।

राजनीतिक दलों में राष्ट्रीय जनता दल के 141 में से 98 (70 प्रतिशत), बीजेपी के 109 में से 76 (70 प्रतिशत), कांग्रेस के 70 में से 45 (64 प्रतिशत), एलजेपी के 135 में से 70 (52 प्रतिशत), जेडी(यू) के 115 में से 56 (49 प्रतिशत) और 78 में से 29 (37 प्रतिशत) बीएसपी के उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 2015 के मुकाबले बीजेपी के 9 फीसदी अधिक प्रत्याशियों, आरजेडी के 10 प्रतिशत अधिक उम्मीदवारों, कांग्रेस के आठ फीसदी, एलजेपी के दो फीसदी और बीएसपी के 8 प्रतिशत अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। सिर्फ जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले कम हुए हैं।

बीते चुनावों में जनता दल-यूनाइटेड के 57 प्रतिशत प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले थे, तो 2020 में 49 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 115 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 73 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302) से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 278 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या का प्रयास (आईपीसी-307) से संबंधित मामले घोषित किए हैं। बिहार विधानसभा चुनाव में 243 में से 217 (89 प्रतिशत) संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र वे होते हैं, जहां तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

बिहार विधानसभा चुनावों में कुल 3,733 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने 3,722 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया है। 11 उम्मीदवारों के शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया जा सका। इन सभी 3,722 उम्मीदवारों में से 349 राष्ट्रीय दलों से, 470 राज्य स्तरीय दलों से, 1,607 गैर मान्यता प्राप्त दलों से और 1,296 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। एडीआर ने तीन चरणों में होने वाले चुनाव में उतरे उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है।  

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