गौतम नवलखा को महाराष्ट्र सरकार को देना होगा 1 करोड़ 64 लाख, SC ने कहा- खुद ही चुकाएं हाउस अरेस्ट का बिल

Gautam Navlakha सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हाउस अरेस्ट में रहने के दौरान मिली सुरक्षा का खर्च उन्हें ही देना होगा। कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा पुलिसकर्मियों की तैनाती पर हुए खर्च के भुगतान से वो बच नहीं सकते हैं।

By AgencyEdited By: Piyush Kumar Publish:Wed, 10 Apr 2024 10:50 AM (IST) Updated:Wed, 10 Apr 2024 10:52 AM (IST)
गौतम नवलखा को महाराष्ट्र सरकार को देना होगा 1 करोड़ 64 लाख, SC ने कहा- खुद ही चुकाएं हाउस अरेस्ट का बिल
सुप्रीम कोर्ट की नवलखा को दो टूक, नजरबंदी में देना होगा सुरक्षा का खर्च।(फोटो सोर्स: जागरण)

HighLights

  • नवलखा नवंबर 2022 से मुंबई में सार्वजनिक पुस्तकालय में नजरबंद हैं।
  • नवलखा को सुरक्षा खर्च के लिए 1.64 करोड़ रुपये का भुगतान करना है: एनआईए
  • वलखा ने पहले 10 लाख रुपये का भुगतान किया था।

एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपित गौतम नवलखा से मंगलवार को साफ कहा कि आपने स्वयं घर में नजरबंदी का अनुरोध किया था। ऐसे में आप नजरबंदी के दौरान महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुरक्षा के लिए मुहैया कराए गए पुलिस कर्मियों का खर्च उठाने के दायित्व से बच नहीं सकते हैं। नवलखा नवंबर 2022 से मुंबई में सार्वजनिक पुस्तकालय में नजरबंद हैं।

नवलखा  को हाउस अरेस्ट की रकम चुकानी होगी: सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि नवलखा पर एजेंसी का लगभग 1.64 करोड़ रुपये बकाया है। इस राशि का भुगतान गौतम नवलखा को कड़ना पड़ेगा।

पीठ ने नवलखा की ओर से पेश वकील से कहा, "अगर आपने इसके लिए (घर में नजरबंदी) मांगा है, तो आपको (सुरक्षा कवर की लागत) चुकानी होगी। आप अपने दायित्व से बच नहीं सकते।"

नवलखा ने पहले 10 लाख रुपये का भुगतान किया था: एनआईए

नवलखा के वकील ने नजरबंदी के लिए भुगतान करने की इच्छा व्यक्त की लेकिन रकम को लेकर आपत्ति जताई है। एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कहा,"उनकी नजरबंदी के दौरान सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। नवलखा ने पहले 10 लाख रुपये का भुगतान किया था और अब वह भुगतान नहीं रहे हैं। यह प्रतिदिन बढ़ रहा है और वह इससे बच नहीं सकते हैं।"

इस पर नवलखा के वकील ने कहा कि भुगतान में समस्या नहीं है लेकिन मुद्दा गणना का है। गत सात मार्च को नवलखा के वकील ने शीर्ष अदालत में इस सुरक्षा खर्च के आंकड़े पर विवाद खड़ा कर दिया था और एजेंसी पर 'जबरन वसूली' का आरोप लगाया था।

हाउस अरेस्ट के दौरान  चौबीसों घंटे पुलिस कर्मियों की रही तैनाती

एसवी राजू ने कहा कि 1.64 करोड़ रुपये बकाया हैं और नवलखा को उनकी नजरबंदी के दौरान प्रदान की गई सुरक्षा के लिए भुगतान करना होगा। राजू ने कहा कि नजरबंदी के दौरान उनकी सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

नवलखा नवंबर 2022 से मुंबई की एक सार्वजनिक लाइब्रेरी में नजरबंद हैं।

यूएपीए के तहत नवलखा को किया गया गिरफ्तार

 अगस्त 2018 में गिरफ्तार किए गए नवलखा ने शीर्ष अदालत का रुख कर अनुरोध किया था कि उन्हें महाराष्ट्र की तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत के बजाय घर में नजरबंद रखा जाए। जिसके बाद 10 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को  बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी।

भीमा कोरेगांव मामले में कई नागरिक स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं में से एक नवलखा पर सरकार गिराने की कथित साजिश के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के कड़े प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें जांच एजेंसी ने अप्रैल 2020 में गिरफ्तार किया था।

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