मध्‍य प्रदेश अधिकारी के बिगड़े बोल- औरंगाबाद ट्रेन हादसे के हताहतों को बताया कोरोना पीड़ि‍त

बैतूल के एसडीओपी विजय पुंज ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। एक वाट्सएप ग्रुप में उन्होंने दावा किया कि ये सभी मजदूर कोरोना पीड़ि‍त थे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 09 May 2020 12:07 AM (IST) Updated:Sat, 09 May 2020 12:07 AM (IST)
मध्‍य प्रदेश अधिकारी के बिगड़े बोल- औरंगाबाद ट्रेन हादसे के हताहतों को बताया कोरोना पीड़ि‍त
मध्‍य प्रदेश अधिकारी के बिगड़े बोल- औरंगाबाद ट्रेन हादसे के हताहतों को बताया कोरोना पीड़ि‍त

बैतूल, राज्‍य ब्‍यूरो। औरंगाबाद में शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे में मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की मौत हो गई। इस घटना पर बैतूल के एसडीओपी (सब डिविजनल ऑफिसर ऑफ पुलिस) विजय पुंज ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। एक वाट्सएप ग्रुप में उन्होंने दावा किया कि ये सभी मजदूर कोरोना पीड़ि‍त थे। उन्होंने यह भी लिखा कि सभी मानसिक रूप से थक चुके थे। जो भी है, यह आत्महत्या ही मानी जाएगी, एक्सीडेंट नहीं।

एसडीओपी पुंज की तीखी आलोचना

इस मैसेज के बाद एसडीओपी पुंज की आलोचना हो रही है। वे जब ट्रोल हुए तो उन्‍हेांने सफाई दी कि उन्होंने किसी मित्र को यह मैसेज किया था, लेकिन गलती से ग्रुप में चला गया। मामले में एसपी डीएस भदौरिया ने जांच कराने और नियमानुसार कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है। दरअसल, एक पोर्टल द्वारा शासकीय सेवक और पत्रकार सोशल मीडिया ग्रुप पर औरंगाबाद ट्रेन हादसे की खबर दोपहर 12.59 बजे पोस्ट की। दोपहर 01.31 बजे बैतूल एसडीओपी पुंज ने उस खबर पर उपरोक्त जवाब दिया था।

36 किमी पैदल चलने के बाद थक गए और पटरी पर सो गए 

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बदनापुर-करमाड रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह जब एक मालगाड़ी गुजर रही थी, तब उसने 16 से अधिक मजदूरों को कुचल दिया। इस हादसे में 16 मजदूरों की तो मौत हो गई है, जबकि कुछ अन्य मजदूर घायल भी हुए हैं। रेलवे की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, जिन मजदूरों की मौत हुई है, वो मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। वे महाराष्ट्र के जालना में एसआरजी कंपनी में कार्यरत थे। 5 मई को इन सभी मजदूरों ने जालना से सफर शुरू किया, पहले ये सभी सड़क के रास्ते आ रहे थे लेकिन औरंगाबाद के पास आते हुए इन्होंने रेलवे ट्रैक के साथ चलना शुरू किया।

करीब 36 किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद जब सभी मजदूर थक गए थे, तो ट्रैक के पास ही आराम के लिए लेट गए और वहीं ही सो गए। इनमें से 16 लोग ट्रैक पर सोए, 2 बराबर में और बाकी तीन कुछ दूरी पर सोए। इन्हीं में से 16 की मौत हो गई है, बाकी जो घायल हैं उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। ये सभी मजदूर लोहा फैक्ट्री में लगभग पांच माह पूर्व काम करने गए थे। लॉकडाउन के कारण वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और दो-तीन दिन से उन्हें पर्याप्त भोजन भी नहीं मिल पा रहा था। मृतकों में 11 श्रमिक मध्‍यप्रदेश के शहडोल जिले और 5 उमरिया जिले के बताए जा रहे हैं। एक मजदूर गंभीर रूप से घायल है, उसका उपचार औरंगाबाद में जारी है।

पीएम मोदी ने दुख व्‍यक्‍त किया, एमपी और महाराष्‍ट्र ने किया मुआवजे का एलान  

इस मामले में रेल मंत्रालय की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकुर ने सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, साथ ही घायलों के इलाज पर नज़र रखी जा रही है।

मृतकों में यह शामिल

हादसे में हताहत सबसे ज्यादा श्रमिक शहडोल जिले के वनचाचर ग्राम पंचायत के अंतौली गांव के रहने वाले हैं। इस गांव के नौ मजदूरों की मौत हुई है। मृतकों में अंतौली गांव के धनसिंह गोंड़, रावेंद्र सिंह गोंड़, बुद्धराज सिंह गोंड़, निर्वेश सिंह गोंड़, धर्मेंद्र सिंह, दीपक सिंह, राजबहोर सिंह, प्रवेश सिंह और शिवदयाल सिंह शामिल हैं। इनके अलावा ठेंगरहा के सुरेश कोल और शहरगढ़ के बृजेश का नाम भी मृतकों की सूची में है। मृतकों की उम्र 22 से 35 साल के बीच है। उमरिया जिले से अच्छेलाल सिंह चिल्हारी, प्रदीप सिंह जमुडी, नेमसाह सिंह बकेली, बृगेंद्र सिंह पाली और मुनीम सिंह की मौत हुई है। पाली जनपद के ममान गांव निवासी वीरेंद्र सिंह गंभीर रूप से घायल हैं।

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