आयुष-64 दवा की तकनीक 46 कंपनियों के साथ साझा, कोविड-19 के उपचार में है लाभकारी

आयुष मंत्रालय के अनुसार महामारी के प्रकोप के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ प्रभावी पाए जाने के बाद 39 नई कंपनियों को दवा के लाइसेंस दिए गए हैं। अब इन कंपनियों की संख्या 46 है। इस दवा को 1980 में मलेरिया के इलाज के लिए विकसित किया गया था।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 12:04 AM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 07:23 AM (IST)
आयुष-64 दवा की तकनीक 46 कंपनियों के साथ साझा, कोविड-19 के उपचार में है लाभकारी
आयुष-64 दवा की तकनीक 46 कंपनियों के साथ साझा

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (Central Council for Research in Ayurvedic Sciences,CCRAS) ने हल्के और मध्यम कोविड-19 मामलों के उपचार में लाभकारी दवा आयुष-64 (Ayush-64) की तकनीक को 46 कंपनियों के साथ साझा किया है। इससे पहले सिर्फ सात कंपनियों के पास ही दवा का लाइसेंस था, जिसका इस्तेमाल मलेरिया के इलाज के लिए किया जाता था।

बता दें कि CCRAS आयुष मंत्रालय के अधीन आयुर्वेद में शोध करने वाला एक अग्रणी संस्थान है। इसने उसने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के सहयोग से हाल में इस दवा का विस्तृत और गहन परीक्षण किया है! इसमें देश के अन्य अनुसंधान संगठनों और मेडिकल कालेजों का भी सहयोग लिया गया।

आयुष मंत्रालय ने बताया, महामारी के प्रकोप के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ प्रभावी पाए जाने के बाद 39 नई कंपनियों को लाइसेंस दिए गए हैं। अब इन कंपनियों की संख्या 46 हो गई है। आयुष 64 को CCRAS द्वारा विकसित किया गया है जो आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला प्रीमियर इंस्टीट्यूशन है। इस दवा को 1980 में मलेरिया के इलाज के लिए विकसित किया गया था।

मार्च, 2020 में कोरोना की पहली लहर के दौरान कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया कि यह दवा कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षणों पर प्रभावी है। इसमें वायरस के साथ लड़ने के अलावा यह शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने और बुखार को कम करने के साथ ही मरीजों को जल्द स्वस्थ करने में कारगर है। अब तक इस दवा पर 8 क्लिनिकल ट्रायल किए गए हैं जिसमें आयुष - 64 दवा 63 हजार मरीजों को दिया गया ये सभी मरीज अपने घर में क्वारंटाइन थे और यह दवा लाभकारी पाई गई।

देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने आयुष 64 का जो क्लीनिकल परीक्षण किया, उसमें पता लगा कि इस दवा में वायरस के खिलाफ लड़ने, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बुखार उतारने के गुण हैं। इसे लक्षण-रहित, हल्के और कम गंभीर कोविड 19 संक्रमण के उपचार के लिए भी कारगर पाया गया। आयुष मंत्रालय ने क्लीनिकल परीक्षण के नतीजों की घोषणा 29 अप्रैल, 2021 को एक प्रेस कांफ्रेंस में की थी। उसके बाद आम जनता और चिकित्सा कार्य से जुड़े लोगों में आयुष-64 के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। इस विषय में कई जिज्ञासाएं मिली हैं।

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