वाजपेयी और मेरी दोस्ती निराली

मेरी और पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की दोस्ती निराली रही है। जवानी के दिनों में वह अक्सर अपने पसंदीदा गोलगप्पा वाले से चाट खाने के लिए मेरे स्कूटर के पीछे बैठकर कनॉट प्लेस जाते थे। यह कहते हुए भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में एक लालकृष्ण आडवाणी पुराने दिनों में खो

By manoj yadavEdited By: Publish:Wed, 24 Dec 2014 09:57 PM (IST) Updated:Wed, 24 Dec 2014 10:01 PM (IST)
वाजपेयी और मेरी दोस्ती निराली

नई दिल्ली। मेरी और पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की दोस्ती निराली रही है। जवानी के दिनों में वह अक्सर अपने पसंदीदा गोलगप्पा वाले से चाट खाने के लिए मेरे स्कूटर के पीछे बैठकर कनॉट प्लेस जाते थे। यह कहते हुए भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में एक लालकृष्ण आडवाणी पुराने दिनों में खो से जाते हैं।

वाजपेयी को भारतरत्न दिए जाने पर एक निजी टीवी चैलन से आडवाणी ने कहा, मैंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर कहा था कि वाजपेयी भारत रत्न के हकदार हैं। यह भी लिखा था कि इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान को उन्हें देने पर सरकार ध्यान देगी तो मुझे खुशी होगी और खुद को कृतार्थ मानूंगा। मुझे मनमोहन सिंह से कोई जवाब नहीं मिला।

एक दूसरे को बाहों में भरे अपनी और वाजपेयी की तस्वीर दिखाते हुए आडवाणी ने कहा-यह बेटी प्रतिभा आडवाणी ने खींची थी। बताते हैं, वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे तब उनके पास कोई भी सरकार या पार्टी से जुड़ी कोई समस्या लेकर जाता था तो लगभग हर बार उनका एक ही जवाब होता था- "आडवाणी जी से बात हो गई? कर लो एक बार।"

ऐसी मित्रता अब कहां मिलेगी? मुझे उन दिनों की याद आती है जब हम लोग सिनेमा देखने जाते थे। रिवोली और रीगल सिनेमा हॉल (दिल्ली कनॉट प्लेस) के बीच गोलगप्पा वाला रहता था। हमलोग वहां जाकर चाट खाते थे।

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