Sarkeguda Encounter: मारे गए लोगों की याद में तैयार किया जाएगा जलियांवाला जैसा बाग

Sarkeguda Encounter जलियांवाला बाग की तरह सारकेगुडा के घटनास्थल पर मारे गए लोगों की याद में एक विशाल स्मारक तैयार किया जाएगा।

By TaniskEdited By: Publish:Sun, 08 Dec 2019 09:44 PM (IST) Updated:Sun, 08 Dec 2019 09:44 PM (IST)
Sarkeguda Encounter: मारे गए लोगों की याद में तैयार किया जाएगा जलियांवाला जैसा बाग
Sarkeguda Encounter: मारे गए लोगों की याद में तैयार किया जाएगा जलियांवाला जैसा बाग

बीजापुर, जेएनएन। Sarkeguda Encounter: सारकेगुड़ा मामले में पिछले सात साल से न्याय के लिए लड़ने वाली गांव की युवती काका कमला का कहना है कि जिस तरह जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में गोलियां बरसा कर निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या की थी, उसी तरह छत्तीसगढ़ के सारकेगुड़ा में सुरक्षा बल के जवानों ने किया। निर्दोष ग्रामीणों पर गोली चलाकर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। अब जलियांवाला बाग की तरह सारकेगुडा के घटनास्थल पर मारे गए लोगों की याद में एक विशाल स्मारक तैयार किया जाएगा।

काका कमला ने बताया कि इसके लिए जन सहयोग से धनराशि एकत्र की जाएगी। गांव के हर घर से कुछ राशि चंदे के तौर पर जमा की जाएगी। श्रमदान कर गांव वाले स्मारक और पार्क का निर्माण करेंगे। इस निर्माण से पहले गांव में बैठक भी आयोजित की जाएगी। दैनिक जागरण के सहयोगी अखबार नई दुनिया के अनुसार कमला ने बताया कि वह स्थल जहां 17 लोगों की हत्या की गई, उसमें उस जमीन के मालिक इरपा नारायण की भी मौत हो गई थी। उनके परिवार और परिजनों से बात कर उसी जगह पर स्मारक तैयार किया जाएगा।

भाजपा सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया

गौरतलब है कि 28 जून 2012 को बीजापुर व बासागुड़ा से निकले कोबरा बटालियन व सीआरपीएफ जवानों ने सारकेगुड़ा गांव में ग्रामीणों पर गोलियां चलाईं थीं, जिसमें 17 लोग मारे गए थे। इसमें आठ स्कूली बच्चे भी शामिल थे। ग्रामीण मुठभेड़ को फर्जी बताकर इसकी जांच की मांग लेकर मानवाधिकार आयोग तक पहुंचे। तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने मुद्दे को आगे बढ़ाया। भाजपा सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया। आयोग की रिपोर्ट में मुठभेड़ को फर्जी बताया गया है। रिपोर्ट विधानसभा में भी पेश की जा चुकी है।

सारकेगुड़ा में धरना खत्म, सरकार को कार्रवाई का मौका देंगे आदिवासी

सारकेगुड़ा में आदिवासियों एवं मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शनिवार को थाने में जारी धरना खत्म कर दिया। धरने का नेतृत्व कर रहे हिमांशु कुमार ने बताया कि रात भर थाने में धरना जारी रहा। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा से फोन पर बात हुई। वर्मा ने कहा कि सरकार अभी आयोग के रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है। इसके बाद एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी करेंगे। अभी एफआइआर की जिद करेंगे तो कोई फायदा नहीं। इसके बाद धरना स्थगित करने का निर्णय लिया। मौके पर लीगल एंड ग्रुप की शालिनी गेरा भी पहुंची थीं।पुलिस को जो शिकायत पत्र दिया गया है, उसकी पावती लेने के साथ धरना खत्म किया गया। आंदोलनकारियों ने थाने में जो पत्र दिया है उसमें कहा गया है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को दोबारा शुरू किया जाएगा।

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