रक्षा मंत्रालय में मनोहर पर्रीकर की पारी को आगे बढ़ाएंगे अरुण जेटली

मोदी सरकार के करीब पौने तीन साल के कार्यकाल के दौरान अरुण जेटली ने दूसरी बार रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाला है।

By Rajesh KumarEdited By: Publish:Tue, 14 Mar 2017 08:27 PM (IST) Updated:Tue, 14 Mar 2017 08:43 PM (IST)
रक्षा मंत्रालय में मनोहर पर्रीकर की पारी को आगे बढ़ाएंगे अरुण जेटली
रक्षा मंत्रालय में मनोहर पर्रीकर की पारी को आगे बढ़ाएंगे अरुण जेटली

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने देश के नए रक्षा मंत्री के रूप में प्रभार भी संभाल लिया है। रक्षा मंत्रालय का कामकाज संभालने के बाद जेटली ने इसे अहम जिम्मेदारी करार देते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र और सैन्य आधुनिकीकरण की दिशा में वे पूर्व रक्षामंत्री पार्रीकर के शुरू किए गए कार्यो को आगे बढ़ाएंगे।

मोदी सरकार के करीब पौने तीन साल के कार्यकाल के दौरान अरुण जेटली ने दूसरी बार रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाला है। इससे पहले 26 मई 2014 से नवंबर 2014 तक रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभाला था। तब सरकार के पहले विस्तार में गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पार्रीकर बतौर रक्षा मंत्री केन्द्र सरकार में शामिल हुए। अब पार्रीकर एक बार फिर गोवा का मुख्यमंत्री बनकर प्रदेश की सियासत में लौट गए हैं और फिलहाल वे उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। पार्रीकर ने गोवा का मुख्यमंत्री बनने के लिए सोमवार को रक्षा मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय का जिम्मा संभालने का आदेश जारी कर दिया।

यह भी पढ़ें: पर्रिकर के इस्तीफे के बाद अरुण जेटली को मिला रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार

रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभालने साउथ ब्लॉक अपने कार्यालय पहुंचे जेटली का स्वागत रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे और वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। कामकाज संभालने के क्रम में जेटली ने अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इसके बाद जेटली ने कहा कि देश की सुरक्षा और सैन्य बलों के संचालन के लिहाज से रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी बेहद अहम है। उनके मुताबिक पहली बैठक के दौरान उन्होंने रक्षा खरीद के मामलों की प्रगति और जरूरतों के संदर्भ में जानकारी हासिल की।

जेटली ने बाद में पत्रकारों से कहा कि मनोहर पार्रीकर रक्षा मंत्रालय के कार्यो को जिस मुकाम पर लेकर आए हैं वे उन्हें आगे बढ़ाएंगे। उनका कहना था कि सरकार में नीतियों को लेकर निरंतरता है। गौरतलब है कि लंबे समय से रक्षा सौदों के अटके कई अहम मामलों को पार्रीकर के कार्यकाल में अंजाम दिया गया। इसमें सबसे बड़ा राफेल लड़ाकू विमानों को फ्रांस से खरीदने का समझौता है।

करीब 59 हजार करोड रुपए के इस रक्षा सौदे के साथ पार्रीकर के कार्यकाल में 21 अपाचे और 15 चिन्हूक हेलीकाप्टर खरीद का भी फैसला हुआ। इसका अलावा रक्षा खरीद के लिए अहम रक्षा खरीद परिषद का गठन हुआ। साथ ही तीनों सेनाओं के आधुनिकीकरण और हथियारों की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में भी कई सैद्धांतिक निर्णय लिए गए।

यह भी पढ़ें: वित्त मंत्री अरुण जेटली हेलीकॉप्टर में चढ़ते वक्त गिरकर घायल

chat bot
आपका साथी