आर्मी चीफ नरवाने बोले, अंतरराष्ट्रीय स्थिति के कारण नहीं हुई झड़पें, सेना का मनोबल ऊंचा

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने कहा है कि भारत व चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प का अंतरराष्ट्रीय स्थिति से कोई लेनादेना नहीं है। जाने सेना प्रमुख ने क्‍या बातें कही...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 14 May 2020 01:33 AM (IST) Updated:Thu, 14 May 2020 01:33 AM (IST)
आर्मी चीफ नरवाने बोले, अंतरराष्ट्रीय स्थिति के कारण नहीं हुई झड़पें, सेना का मनोबल ऊंचा
आर्मी चीफ नरवाने बोले, अंतरराष्ट्रीय स्थिति के कारण नहीं हुई झड़पें, सेना का मनोबल ऊंचा

नई दिल्ली, एएनआइ। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने बुधवार को कहा कि गत दिनों भारत व चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प का मौजूदा घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्थिति से कोई लेनादेना नहीं है। इस प्रकार की झड़पें पहले भी होती रही हैं और एक बार फिर हुई हैं। हम इनका दो देशों के बीच के प्रोटोकॉल के मुताबकि समाधान निकालेंगे। सेना प्रमुख नरवाने ने खास बातचीत में कहा, 'वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और भारतीय सेना के बीच झड़प कोई नई बात नहीं है। सेना का मनोबल काफी ऊंचा है... चूंकि एलएसी सही तरीके से परिभाषित नहीं है, लेकिन यह तय है कि इससे संबंधित मुद्दों को दो देशों के बीच के तय प्रोटोकॉल के तहत निपटाया जाएगा।'

गत दिनों उत्तरी सिक्किम व पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के साथ हुई भारतीय सैनिकों की झड़प के मुद्दे पर सेना प्रमुख ने कहा, 'यह इत्तेफाक है कि लद्दाख में भी चीनी सेना के साथ उसी समय भारतीय सैनिकों की झड़प हुई। लेकिन, हमें यह नहीं लगता कि ऐसा किसी योजना के तहत किया गया। ऐसा है भी नहीं.. हम दो देशों के बीच के प्रोटोकॉल और रणनीतिक गाइडलाइन के तहत इसका निपटारा करेंगे।'

नरवाने ने कहा, 'इसी महीने मैंने पूर्वी कमान व सिक्किम का दौरा किया है और दक्षिणी पश्चिमी कमान से तो अभी-अभी लौटा हूं। हमें जवानों और कमांडरों से मौके पर मिलने का अवसर प्राप्त हुआ है। सभी का मनोबल काफी ऊंचा है और हम सभी प्रकार की चुनौतियों निपटने व जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तैयार हैं।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के सवाल पर सेना प्रमुख ने कहा, 'हम हमेशा आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करते हैं और मेक इन इंडिया अभियान को हमारा पूरा समर्थन है। पूर्व में भी हमारे पास दो नए वर्ग थे- मेक-1 व मेक-2, जो निजी क्षेत्रों के लिए रक्षा उत्पाद निर्माण प्रक्रिया को सरल बनाने हैं। हम रक्षा उत्पाद के क्षेत्र में स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना चाहते हैं।' 

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