आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे बोले, पाकिस्‍तानी बैट के सक्रिय होने से पहले ही विफल कर देती है भारतीय सेना

आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि गुलाम कश्मीर के अंदर 15-20 आतंकी कैंप हैं जहां लगभग 250-350 आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 03:55 PM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 07:40 PM (IST)
आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे बोले, पाकिस्‍तानी बैट के सक्रिय होने से पहले ही विफल कर देती है भारतीय सेना
आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे बोले, पाकिस्‍तानी बैट के सक्रिय होने से पहले ही विफल कर देती है भारतीय सेना

नई दिल्‍ली, एएनआइ। आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि गुलाम कश्मीर के अंदर 15-20 आतंकी कैंप हैं, जहां लगभग 250-350 आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इनकी संख्या में उतार-चढ़ाव हो सकता है। पाकिस्‍तानी सेना के बारे में उन्‍होंने कहा कि हमें पाकिस्‍तानी सेना के बारे में इनपुट मिला है। हम उन्हें लॉन्च करने में सक्षम होने से पहले ही (पाकिस्तान सेना की) बैट कार्रवाई को विफल करने में सक्षम हैं। 

Army chief General Manoj Mukund Naravane: There are 15-20 terrorist camps inside Pakistan-occupied-Kashmir where there are around 250-350 terrorists at any time and numbers may fluctuate. pic.twitter.com/1qALwakFZV — ANI (@ANI) February 20, 2020

सेना नहीं करती है भेदभाव

आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना धर्म, जाति, पंथ या लिंग के आधार पर किसी भी सैनिक के साथ भेदभाव नहीं करती है। भारतीय सेना का दृष्टिकोण इसी तरह का रहा है और इसीलिए हमने 1993 की शुरुआत में महिला अधिकारियों को शामिल करना शुरू किया। आर्मी सेना ने कहा कि भारतीय सेना ने महिलाओं को रैंक और फाइल में शामिल करने की पहल की है। 100 महिला सैनिकों का पहला बैच सैन्य पुलिस केंद्र और स्कूल में प्रशिक्षण ले रहा है। सर्वोच्च न्यायालय का फैसला एक स्वागत योग्य निर्णय है क्योंकि इससे संगठन की बेहतर दक्षता के लिए अधिकारियों को लाभान्वित करने के लिए स्पष्टता और उद्देश्य की भावना सामने आती है। मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं कि महिला अधिकारियों सहित भारतीय सेना में हर किसी को राष्ट्र में योगदान करने का समान अवसर दिया जाएगा, इससे उनके करियर में भी प्रगति होगी। 

प्रस्‍तावित थल सेना भवन से कार्य क्षमता में होगा सुधार 

उन्‍होंने कहा कि प्रस्तावित थल सेना भवन कार्बन फुटप्रिंट और लॉजिस्टिक आवश्यकताओं को कम करते हुए सभी सेना मुख्यालयों को एक छत के नीचे लाएगा, जिससे कार्य कुशलता में सुधार होगा। यह सभी सैनिकों के लिए दिल्ली में शांति पूर्वक पोस्टिंग के लिए अधिक पारिवारिक समय की भी अनुमति देगा।

चीन ने भी पाकिस्‍तान का नहीं किया समर्थन 

कश्मीर में पाकिस्तान की गतिविधियों के बारे में पेरिस में एफएटीएफ के प्रभाव के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि चीन ने भी यह महसूस हुआ है कि वे अपने हर मौसम के मित्र (पाकिस्तान) को हर समय समर्थन नहीं कर सकते हैं। अगर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) उन पर भारी पड़ती है तो उन्हें अपनी बयानबाजी और गतिविधियों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। कश्‍मीर में आतंकी गतिवि‍धियों में कमी को लेकर एफएटीएफ एक फैक्‍टर है।  

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