आर्मी चीफ ने दी 'यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग' को मंजूरी, अब हर जवान के पास अधिकारी बनने का मौका

सेना के अधिकारियों ने बताया कि संस्थान को यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग के रूप में जाना जाएगा और इसे अधिकारियों के प्रशिक्षण अकादमी (OTA) चेन्नई के परिसर के अंदर स्थापित करने की योजना

By Nitin AroraEdited By: Publish:Fri, 07 Jun 2019 05:17 PM (IST) Updated:Fri, 07 Jun 2019 05:17 PM (IST)
आर्मी चीफ ने दी 'यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग' को मंजूरी, अब हर जवान के पास अधिकारी बनने का मौका
आर्मी चीफ ने दी 'यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग' को मंजूरी, अब हर जवान के पास अधिकारी बनने का मौका

नई दिल्ली, एएनआइ। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत द्वारा कुछ नीतियों में बदलाव करते हुए एक बड़ा फैसला लिया गया है। यह फैसला उन जवानों के लिए अहम है, जो अपने कद को बढ़ाना चाहते है, परंतु हर वक्त ड्यूटी और बिना किसी ट्रेनिंग के आगे बढ़ पाने में नाकामयाब रहते हैं। बता दें कि सेना प्रमुख द्वारा उन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की योजना को मंजूरी दे दी गई है, जिनसे सेना के जवान एक बेहतर कमीशन अधिकारी के रूप में योग्य बनकर भारतीय सेना में आगे बढ़े सकें।

सेना के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, 'संस्थान को यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग के रूप में जाना जाएगा और इसे अधिकारियों के प्रशिक्षण अकादमी (OTA), चेन्नई के परिसर के अंदर स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। यह सैनिकों में संचार, नेतृत्व और टीम-निर्माण कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा'। बताया गया कि 200 सैनिकों के पहले बैच को 16 सितंबर से पांच महीने की अवधि तक ट्रेन्ड किया जाएगा। वहीं, 10 अधिकारियों की एक कोर टीम विंग के निर्देशात्मक नाभिक का निर्माण करेगी।

बता दें कि सेना के एक आंतरिक अध्ययन में पाया गया कि अधिकारियों के रूप में सैनिकों के भर्ती में 41.4 प्रतिशत की कमी आई है। अधिकारियों ने बताया कि एसएसबी केंद्रों में चयन के दौरान सैनिकों द्वारा दिखाया गए निराशाजनक स्कार ने यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग की स्थापना के विचार को और मजबूत किया, जिससे की जिन सैनिकों को एसएसबी परीक्षणों का सामना करने में मुश्किल हुई थी, वो उसके लिए ट्रेन हो सकें।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'यंग लीडर्स ट्रेनिंग विंग में ट्रेंनिग के लिए जा रहे सभी सैनिक कमीशन अधिकारी नहीं बन पाएंगे, लेकिन इनमें से काफी बनकर निकलेंगे।' वहीं उन्होंने बताया कि ये सैनिक बेहतर व्यावसायिक दक्षता के साथ इकाई स्तर पर दूसरों के लिए रोल मॉडल होंगे।

अधिकारियों के रूप में सैनिकों की भर्ती तीन तरीकों से की जाती है। पहली- आर्मी कैडेट कॉलेज (ACC) के माध्यम से, दूसरी- विशेष कमीशन अधिकारियों (SCO entry) के माध्यम से और तीसरा- स्थायी आयोग (विशेष सूची) (PCSL entry) के माध्यम से। बता दें कि पहले दो एंट्री के अधिकारियों को किसी भी शाखा में कमीशन किया जा सकता है, जबकि पीसीएसएल अधिकारियों को विशेष रूप से नामित नियुक्तियों पर तैनात किया जाता है।

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