इस साल कैंसर की गिरफ्त में आ सकते हैं 1.8 करोड़ नए लोग, जानें प्रमुख वजह

विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस कैंसर विशेषज्ञ संस्था के मुताबिक इस साल 1.8 करोड़ से ज्यादा कैंसर के नए मामले सामने आ सकते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 09:22 AM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 09:31 AM (IST)
इस साल कैंसर की गिरफ्त में आ सकते हैं 1.8 करोड़ नए लोग, जानें प्रमुख वजह
इस साल कैंसर की गिरफ्त में आ सकते हैं 1.8 करोड़ नए लोग, जानें प्रमुख वजह

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दुनिया में होने वाली मौतों का दूसरा मुख्य कारण कैंसर है। प्रत्येक छह में से एक इंसान की मौत कैंसर से होती है। गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आइएआरसी) ने एक रिपोर्ट जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस कैंसर विशेषज्ञ संस्था के मुताबिक इस साल 1.8 करोड़ से ज्यादा कैंसर के नए मामले सामने आ सकते हैं। वहीं विभिन्न प्रकार के कैंसर की चपेट में आकर तकरीबन 96 लाख लोग जान गंवा सकते हैं।

एशिया खतरे के घेरे में

दुनिया की 60 फीसद आबादी एशिया में है। ऐसे में कैंसर से होने वाली कुल मौतों की आधी एशिया में होती हैं। कैंसर के 50 फीसद नए मामले भी एशिया में देखे जाते हैं। एशिया और अफ्रीका में कैंसर से मौतों का आंकड़ा क्रमश: 57.3 और 7.3 फीसद है जो अनुमानित आंकड़े 48.4 और 5.8 फीसद से ज्यादा है। इसकी एक वजह इन देशों में उच्च मृत्युदर और गरीबी व अभाव के चलते कैंसर का पूर्वानुमान नहीं हो पाना है।

प्रमुख वजहें

लगातार बढ़ते कैंसर के मामलों के पीछे कई वजह हैं जिनमें बढ़ती जनसंख्या और बढ़ती उम्र के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना भी है। विकासशील देशों में गरीबी और संक्रमण के चलते कैंसर के मामले देखने को मिलते थे। यहां बदलती जीवनशैली भी कैंसर का कारण बन रही है।

फेफड़े के कैंसर से सर्वाधिक मौतें

दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें फेफड़े के कैंसर से होती हैं। 28 देशों के अध्ययन में पता चला है कि इस कैंसर से पुरुषों की तुलना में महिलाओं की ज्यादा मौत होती हैं। इनमें उत्तरी अमेरिका, उत्तरी और पश्चिमी यूरोप, डेनमार्क, नीदरलैंड, चीन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शीर्ष पर हैं।

गंभीर खतरा

आइएआरसी की 2012 में आई ग्लोबल कैंसर ऑब्र्जवेटरी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में हर पांच में से एक पुरुष और छह में से एक महिला जीवन में एक बार कैंसर की चपेट में आते हैं। वहीं आठ में से एक पुरुष और ग्यारह में से एक महिला की इस रोग से मौत हो जाती है।

अन्य घातक कैंसर

महिलाओं में स्तन कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर के आम प्रकार हैं। ये कैंसर के पांच सबसे खतरनाक प्रकारों में भी शामिल हैं। दुनियाभर में होने वाले कैंसर के मामलों और मौतों में इसकी एक तिहाई हिस्सेदारी है।

प्रदूषण और धूमपान

कई देशों में धूमपान रोकने के पर्याप्त कदम नहीं उठाए जा सके हैं। तंबाकू का सेवन इस मर्ज को तेजी से बढ़ा रहा है। प्रदूषण आग में घी का काम कर रहा है। 

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