घरेलू रक्षा उद्योग के लिए परीक्षण केंद्रों की स्थापना को मंजूरी

400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए जाएंगे परीक्षण केंद्र। योजना का लक्ष्य देश में रक्षा एवं हवाई क्षेत्र के उत्पादन को बढ़ावा देना।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 16 May 2020 08:57 AM (IST) Updated:Sat, 16 May 2020 09:01 AM (IST)
घरेलू रक्षा उद्योग के लिए परीक्षण केंद्रों की स्थापना को मंजूरी
घरेलू रक्षा उद्योग के लिए परीक्षण केंद्रों की स्थापना को मंजूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा क्षेत्र के विकास में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को एक ऐसी योजना को मंजूरी दी जिसके तहत घरेलू रक्षा उद्योग द्वारा देश में विकसित और निíमत सैन्य हार्डवेयर (उपकरणों) के परीक्षण के लिए 400 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र तैयार किए जाएंगे।

रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि रक्षा उपकरण परीक्षण योजना (डीटीआइएस) का लक्ष्य देश में रक्षा एवं हवाई क्षेत्र के उत्पादन को बढ़ावा देना है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'रक्षा मंत्रालय ने 400 करोड़ रुपये के शुरुआती बजट के साथ डीटीआइएस को मंजूरी दे दी है जिसके तहत रक्षा क्षेत्र के लिए अत्याधुनिक ढांचा और परिसर विकसित किए जाएंगे।'

बयान के अनुसार, यह योजना पांच साल की अवधि के लिए है और इस दौरान निजी उद्योगों की साझेदारी से छह से आठ नए परीक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। बयान के मुताबिक, इन योजनाओं के लिए सरकार अनुदान के रूप में 75 फीसद की राशि देगी और बाकी 25 फीसद लागत निजी उद्योगों और राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होगी। वर्तमान में भारत दुनिया के सबसे बड़े सैन्य उपकरण आयातकों में शामिल है। सरकार देश को रक्षा उत्पादन का बड़ा केंद्र बनाने पर ध्यान दे रही है।

इससे पहले राजनाथ सिंह ने कहा था कि उनका मंत्रालय सीमा पर नजर आने वाले दुश्मन के साथ ही कोरोना वायरस जैसे अदृश्य दुश्मन से निपटने के लिए तैयार है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर आयोजित ऑनलाइन समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत को सैन्य उपकरणों के निर्माण में निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहिए और सरकार इसके लिए एक नीतिगत ढांचा बनाकर घरेलू रक्षा उद्योग को समर्थन दे रही है।

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